मुंबई : राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक की अध्यक्षता में मंत्रालय में गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक हुई। इस बैठक में बोर्ड सदस्य सचिन नलवड़े और अन्य किसान सदस्यों ने मांग की कि, चीनी मिलें किसानों को उप-उत्पाद से होने वाला लाभ मे हिस्सेदार बनाये और दो चीनी मिलों के बीच 25 किमी की हवाई दूरी की शर्त को रद्द करें। इस बैठक में कहा गया कि, 2021-2022 के लिए सरकार के फैसले के मुताबिक एफआरपी दो चरणों में दी जाएगी। हालांकि, नलवडे समेत अन्य किसान प्रतिनिधियों ने भी मांग की कि एफआरपी को टुकड़ों में बांटने वाले सरकार के फैसले को रद्द किया जाए और एकमुश्त एफआरपी देने का फैसला लिया जाए।
किसान प्रतिनिधि ने कहा कि, चीनी मिलें गन्ने से सिरप और एथेनॉल का उत्पादन करते है, और इससे चीनी कि रिकवरी कम हो रही है। इसका सीधा असर गन्ने की कीमत और लाखों किसानों पर पड़ता है। साथ ही मांग की गई कि, किसानों के प्रतिनिधियों को संयुक्त रूप से यह जांच करने का भी अधिकार दिया जाना चाहिए कि चीनी मिलें एथेनॉल उत्पादन के लिए किस हिस्से का उपयोग करती है। इसके साथ ही बैठक में दो चीनी मिलों के बीच 25 किलोमीटर की हवाई दूरी की शर्त को भी रद्द करने की मांग की गई।सचिव सौनिक ने आश्वासन दिया कि, रणनीतिक निर्णय लेने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में बैठक की जायेगी। इस अवसर पर चीनी आयुक्त डाॅ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, मिल प्रतिनिधि प्रशांत परिचारक, कैलास तांबे, दामोदर नवपुते, किसान प्रतिनिधि सुहास पाटिल, पृथ्वीराज जाचक, धनंजय भोसले, योगेश बर्डे आदि उपस्थित थे।