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मुंबई: चीनी मंडी
चालू पेराई सीजन में देशभर की चीनी मिलों और इथेनॉल प्लांट ने तेल कंपनियों के साथ 237 करोड़ लीटर इथेनॉल आपूर्ति करने का अनुबंध किया है। अधिशेष चीनी की समस्या से निपटने के लिए, चीनी मिलों की आर्थिक सेहत सुधारने और किसानों को सही समय पर भुगतान दिलाने के लिए केंद्र सरकार इथेनॉल उत्पादन पर जोर दे रही है।
तेल कंपनियों ने राज्य के निजी और सहकारी चीनी मिलो को 47 करोड़ 64 लाख 9 हजार लीटर इथेनॉल का कोटा दिया है.
राज्य में सूखे के बावजूद चीनी मिलें इथेनॉल उत्पादन के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही हैं। मार्च के अंत तक जितनी मात्रा में इथेनॉल का उत्पादन हुआ है, उनकी आपूर्ति गुजरात, तेलगाना, तमिलनाडू, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक राज्यों को की गई है। केंद्र सरकार ने 2030 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है।
इथेनॉल का उत्पादन गन्ने के रस, गुड, खराब अनाज, सड़े आलू, मक्का व दूसरे अनाज से किया जा सकता है। महाराष्ट्र के 72 चीनी मिलों की इथेनॉल उत्पादन क्षमता 57.18 करोड़ लीटर है। इसमें सहकारी चीनी मिलों की क्षमता 40 करोड़ 27 लाख 50 हजार लिटर है, मगर सहकारी मिलों को 20 करोड़ 33 लाख 77 हजार लिटर इथेनॉल आपूर्ति का कोटा तय किया गया है और मिलों ने अभी तक 7 करोड़ 66 लाख 66 हजार लिटर की आपूर्ति की है।