पोंडा: संजीवनी चीनी मिल में प्रस्तावित एथेनॉल प्लांट के संबंध में सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि, अगर किसान संजीवनी मिल में एथेनॉल प्लांट लगाना चाहते हैं, तो सरकार मदद करेगी।
हालांकि, संजीवनी शुगर फार्मर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि, सीएम सावंत ने किसानों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर आने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। किसानों ने कहा कि, वे सभी संभावनाएं तलाशने को तैयार है, लेकिन इसके लिए सरकार को चीनी मिल का कब्जा किसानों को सौंपना होगा। किसान संघ के एक पदाधिकारी ने कहा, अंतिम निर्णय जल्द ही किसानों की बैठक में लिया जाएगा।
गौरतलब है कि, सरकार ने 2019-20 से संजीवनी चीनी मिल में पेराई सत्र बंद कर दिया था और हर साल किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया था और साथ ही एथेनॉल उत्पादन फिर से शुरू करने का भी वादा किया था। हालाँकि, प्लांट शुरू करने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं होने के कारण, किसान सरकार से स्पष्ट रुख की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए थे। किसान संघ के पदाधिकारियों में से एक ने ओ हेराल्डो से बात करते हुए कहा कि, वे सरकार द्वारा इस मुद्दे को स्पष्ट करने में इतना समय लेने से नाराज है।
वे संजीवनी चीनी मिल को फिर से शुरू करने की सभी संभावनाएं तलाशेंगे और जल्द ही बैठक कर मिल को फिर से शुरू करने पर भविष्य की रणनीति तय करेंगे।पदाधिकारी ने कहा, अगर सरकार किसानों को चीनी फैक्ट्री का कब्जा नहीं सौंपती है, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।उन्होंने कहा कि, संजीवनी के पास करीब 15 लाख वर्ग मीटर जमीन है और इस बेशकीमती जमीन पर राजनेताओं की नजर है।