लखनऊ : बलरामपुर चीनी मिल्स (बीसीएमएल) को इस साल उच्च गन्ना पेराई और एथेनॉल उत्पादन के कारण कारोबार में अच्छी वृद्धि की उम्मीद कर रही है।बलरामपुर चीनी मिल्स ने 2022-23 में 93.66 लाख टन गन्ने की पेराई की थी, और इस सीजन में पेराई में लगभग 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रही है।कंपनी में डिजिटलीकरण और स्वचालन पर बड़ा दांव लगा रही है।
कोलकाता मुख्यालय वाली बीसीएमएल इस वित्तीय वर्ष में बिहार के कुंभी में अपनी इकाई का विस्तार करके मौजूदा 8,000 टीसीडी से 10,000 टन गन्ना प्रतिदिन (टीसीडी) तक क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग ₹1,000 करोड़ का निवेश करना चाहती है। बलरामपुर चीनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विवेक सरावगी के अनुसार, कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान उत्पादन बढ़ाने पर करीब ₹1,000 करोड़ खर्च किए थे और पूंजीगत व्यय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वचालन और इसकी दो इकाइयों में संचालन में सुरक्षा बढ़ाने पर खर्च किया गया था, जिससे गन्ना पेराई में उच्च दक्षता और अधिक स्थिरता आई।
सरावगी ने बिजनेसलाइन को बताया कि, हम गन्ने की विविधता (सुनिश्चित करने), रोग से सुरक्षा, सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को लाने के लिए गन्ने के मोर्चे पर बहुत काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह किसान तक पहुंचे ताकि उनकी उपज और लाभप्रदता बढ़े। हालांकि, इस वर्ष के दौरान कुल चीनी उत्पादन पर टिप्पणी करना अभी भी जल्दबाजी होगी, लेकिन चालू सीजन 2023-24 के दौरान देश का चीनी उत्पादन 32-34 मिलियन के करीब होने की संभावना है, जो लगभग पिछले साल के स्तर के समान है।
एथेनॉल उत्पादन में बढ़ोतरी की कोशिश
बलरामपुर चीनी की डिस्टलरी क्षमता लगभग 1,050 किलो लीटर प्रतिदिन है, जो देश के कुल एथेनॉल उत्पादन का लगभग पांच प्रतिशत और उत्तर प्रदेश के उत्पादन का 30 प्रतिशत से अधिक है।कंपनी ने FY23 में 17.09 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की।क्षमता के विस्तार और ओएमसी के साथ उच्च अनुबंध के बाद एथेनॉल की आपूर्ति में और वृद्धि होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, हम देश में घरेलू एथेनॉल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता रहे है और हमें उम्मीद है कि यह आगे भी बना रहेगा। हमारे पास हर सीजन में 35 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन करने की क्षमता है। हमें अगले साल एथेनॉल कार्यक्रम के लिए 30 करोड़ लीटर से अधिक की आपूर्ति करने की उम्मीद है। कंपनी के कुल कारोबार में डिस्टलरी सेगमेंट का योगदान लगभग 21 प्रतिशत था, जो 31 मार्च, 2023 तक ₹4,666 करोड़ था। आगे चलकर, डिस्टिलरी सेगमेंट द्वारा कंपनी के कुल राजस्व में लगभग 35 प्रतिशत का योगदान देने की उम्मीद है।
सरावगी ने कहा, बीसीएमएल ने तीन वर्षों में लगभग 2,50,000 पेड़ लगाए हैं और अगले पांच वर्षों में 10,00,000 पेड़ लगाने का इरादा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान कंपनी के कचरे में लगभग 10 प्रतिशत की कमी आई, जबकि जल अपशिष्ट उत्सर्जन में 24 प्रतिशत की कमी आई। इसके अलावा, कुल उत्पादित बिजली के प्रतिशत के रूप में कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा की कैप्टिव खपत में वृद्धि हुई, जिससे जीवाश्म ईंधन पर उसकी निर्भरता कम हो गई।