केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और भारत भर में इसके सभी क्षेत्रीय कार्यालयों ने आज आयकर दिवस की 164वीं वर्षगांठ मनाई। मुख्य समारोह प्लेनरी हॉल, विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभाग के अन्य अधिकारियों के अलावा राजस्व सचिव श्री संजय मल्होत्रा और सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री नितिन गुप्ता भी उपस्थित थे।
अपने मुख्य भाषण में, केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सीबीडीटी के उत्कृष्ट प्रदर्शन और कार्य के हर क्षेत्र में इसके क्षेत्रीय गठन की सराहना की। वित्त मंत्री ने 3 ‘आर’ यानी रिटर्न प्रोसेसिंग, रिफंड जारी करने और रीड्रेसल ऑफ ग्रीवांस (शिकायत निवारण) को लागू करने में विभाग के निरंतर प्रयासों की भी सराहना की जिस पर उन्होंने पहले ही जोर दिया था।
श्रीमती सीतारमण ने भारत की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए करदाताओं, टैक्स प्रैक्टीशनरों/पेशेवरों और हितधारकों के योगदान की भी सराहना की। वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में कर दरों में कोई वृद्धि किए बिना कर संग्रह में वृद्धि हासिल की गई है। यह विभाग की कार्यकुशलता में वृद्धि से संभव हुआ है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रत्यक्ष कर प्रशासन में पहले से फॉर्म भरने, तत्काल पैन, फेसलेस मूल्यांकन जैसे प्रणालीगत बदलावों ने करदाताओं का विश्वास बढ़ाया है और पालन को आसान बना दिया है, जिससे राजस्व में वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने कर प्रशासन को पारदर्शी, उद्देश्यपूर्ण और करदाताओं के अनुकूल बनाते हुए वेतनभोगी वर्ग, स्टार्ट-अप, एमएसएमई और सहकारी समितियों को राहत प्रदान करने के लिए वित्त कानून 2023 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न सुधारों पर जोर दिया। श्रीमती सीतारमण ने कर आधार को व्यापक बनाने पर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने आयकर विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में इस कर्तव्य काल में काम करने का आह्वान किया।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने अपने संबोधन में कोविड, यूक्रेन संघर्ष और आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों जैसे कठिन समय में नेतृत्व के लिए वित्त मंत्री की सराहना की। श्री चौधरी ने निष्पक्ष और पारदर्शी कर प्रशासन सुनिश्चित करने की दिशा में अथक प्रयास करने के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई फेसलेस व्यवस्था से विभाग के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है। उन्होंने वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस), ई-सत्यापन, अपडेटेड रिटर्न और करदाताओं को लगातार सतर्क करके उनके लिए अनुपालन को आसान बनाने के विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों की शुरुआत ने कर प्रक्रियाओं को सरल और सुव्यवस्थित किया है और उन्हें करदाताओं के अधिक अनुकूल बनाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कर प्रक्रियाओं का सरलीकरण भविष्य में भी जारी रहेगा।
राजस्व सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए, कर आधार में जबरदस्त कर संग्रह वृद्धि और अनुपालन में आसानी के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने आगे दोहराया कि विभाग को 3 ‘आई’ (उद्योग, नवाचार, अखंडता) पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए खुशी के लिए छोटी जीत का महत्व बताया और विभाग से इस दिशा में प्रगति जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने करदाता सेवाओं पर अधिक ध्यान देने और स्वचालन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री नितिन गुप्ता ने आयकर विभाग की ओर से गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। यह देखते हुए कि वर्षों से विभाग का ध्यान करदाता सेवाओं को बढ़ाने और अनुपालन को आसान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर रहा है, उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों का जिक्र किया, जिसमें शुद्ध संग्रह में हासिल की गई 17.6 प्रतिशत की वृद्धि और पिछले वर्ष की तुलना में दाखिल आईटीआर की संख्या में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है। उन्होंने कहा कि 2022 के एफएम पुरस्कार समारोह के दौरान वित्त मंत्री द्वारा उल्लिखित 3 आर का आदर्श वाक्य – रिटर्न की तेजी से प्रोसेसिंग, रिफंड जारी करना और शिकायतों का निवारण- विभाग के कामकाज का केन्द्रबिंदु रहा है। रिटर्न के लिए औसत प्रसंस्करण समय अब केवल 16 दिन है, पिछले वित्तीय वर्ष में 42 प्रतिशत से अधिक आईटीआर 1 दिन में संसाधित किए गए थे। तेजी से प्रोसेसिंग के परिणामस्वरूप रिफंड भी तेजी से जारी हुआ है, जो इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि पिछले वर्ष में कुल मिलाकर 3.07 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। तीसरे आर पर भी व्यापक प्रयास किए गए हैं, क्योंकि शिकायतों का निवारण तेजी से किया जा रहा है, कठोर निगरानी के साथ-साथ शिकायत निवारण के लिए कई चैनलों जैसे हेल्पडेस्क, कॉल सेंटर, सोशल मीडिया, वेबएक्स आदि का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की उपलब्धियां उसके कर्मियों के सामूहिक प्रयासों के साथ-साथ करदाताओं, कर पेशेवरों और अन्य हितधारकों के योगदान को दर्शाती हैं।
समारोह में विविध आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्रों के अनेक करदाताओं को उनके संबंधित क्षेत्रों में योगदान को मान्यता देने के संकेत के रूप में और कर प्रक्रियाओं में किए गए परिवर्तनकारी बदलावों और सुधारों के प्रत्यक्ष गवाह के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने आयकर विभाग के साथ विभिन्न सेवा संपर्क बिंदुओं, करदाता सेवाओं की गुणवत्ता और कर प्रक्रियाओं के अनुपालन में आसानी से निपटने के अपने अनुभव साझा किए। अपने अनुभव साझा करने वाले करदाताओं/हितधारकों में श्री मोहित साहनी (एमडी और सीईओ, फिनोवा कैपिटल्स), श्री अनिकेत सुनील तलाती (अध्यक्ष, आईसीएआई) और सुश्री सुप्रिया पॉल (सीईओ, जोश टॉक्स) शामिल थे।
इसके अलावा, श्री रविकांत, आईआरएस (सेवानिवृत्त) 1962 बैच, पूर्व अध्यक्ष, सीबीडीटी ने आयकर विभाग में विभिन्न क्षमताओं में सेवा करने के अपने अनुभव से वर्षों में आयकर विभाग के विकास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि कर संग्रह में वृद्धि को मात्रात्मक रूप से मापा जा सकता है, लेकिन प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी को मात्रात्मक रूप से नहीं मापा जा सकता है और उन्होंने विभाग में प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी में सुधार की सराहना की। सेवारत अधिकारियों/कर्मचारियों में श्रीमती जी.जी. कामेई, आईआरएस, सुश्री नेहा डी.देसाई, आईआरएस और श्री मनीष धामा, आयकर निरीक्षक ने विभाग में काम करने के अपने अनुभव साझा किए।
समारोह सीबीडीटी सदस्य श्रीमती सुबाश्री अनंत कृष्णन द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ। उन्होंने इस अवसर की शोभा बढ़ाने और अपने ज्ञानपूर्ण शब्दों से प्रेरणा देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित अन्य सभी गणमान्य व्यक्तियों को भी धन्यवाद दिया।
(Source: PIB)