कोल्हापुर : सांगली जिले के गोटखिंडी ग्राम (तालुका वाळवा) स्थित गन्ना कटाई मजदूर के बेटे इंद्रजीत अनिल डिग्रजकर ने दिखाया है कि चाहे हमारे सामने कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, अगर हम पूरी शिद्दत के साथ कड़ी मेहनत करते रहें, तो कुछ भी असंभव नहीं है।घर की गरीबी के बावजूद गन्ना कटाई मजदूर के बेटे इंद्रजीत की सफलता आम बच्चों के लिए प्रेरणादायक है।
अनिल डिग्रजकर एक गन्ना मजदूर है, और उन्होंने गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने बच्चों को बहुत जिद करके पढ़ाया। इसमें उन्हें कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वे कठिनाइयों से कभी विचलित नहीं हुए।जब उनके बेटे के मंत्रालय में अधिकारी बनने की खबर उन्होंने सुनी तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नही रहा। इंद्रजीत को राज्य सेवा परीक्षा में पहले ही प्रयास में राज्य में 28वीं रैंक मिली और उन्हें राजस्व सहायक अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया।
अनिल और उनकी पत्नी सुरेखा के दो बच्चे है। अनिल मजदूरी करते है और अपना घर चलाते है। एक समय उनके पैर को गंभीर चोट लगी और उन्हें अपना पैर हमेशा के लिए गवाना पड़ा।इस हादसे के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।अनिल ने जिद पर अड़े रहकर बच्चों को शिक्षा दी। उनमें से एक ने कार्गो व्यवसाय करके अपने पिता की मदद की, और दुसरे बेटे इंद्रजीत को राजस्व सहायक अधिकारी का पद मिला।