पाकिस्तान में सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद चीनी की कीमतें और बढ़ने की आशंका

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अप्रैल के मध्य से चीनी 98 रुपये प्रति किलोग्राम से लगभग 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी के साथ 160 रुपये प्रति किलोग्राम बेची जा रही है। आम लोगों की पहुंच से पूरी तरह से बाहर होने से रोकने के सरकार के प्रयासों के बावजूद चीनी के दाम फिर से बढ़ सकते है। चीनी की बढती कीमतों को रोकने के लिए सरकार आखिरकार एक्शन मोड में आ गई है।हालांकि चीनी की कीमतें पिछले तीन महीनों से बढ़ रही हैं। दोनों पक्ष चीनी की कीमत में बढ़ोतरी के लिए अलग-अलग कारकों को जिम्मेदार ठहराते है।

हाल ही में, पंजाब सरकार ने खाद्य सामग्री आदेश 2023 लागू किया, जिसने जिला प्रशासन को चीनी मिलों से स्टॉक उठाने के लिए अधिकृत किया, जिसे कीमतों को स्थिर करने के लिए बाजार में आपूर्ति की जाएगी। प्रशासन चीनी मिलर्स और डीलर के खिलाफ मामला भी दर्ज कर सकता है और तीन साल तक की सजा हो सकती है। रिपोर्टों के अनुसार, लगभग एक दर्जन चीनी मिलों के पास अभी भी 0.2 मिलियन टन चीनी है, जिसे वे पंद्रह दिनों से अधिक नहीं रख सकते है।

चीनी सलाहकार बोर्ड के माध्यम से सरकार की मंजूरी के बिना चीनी की कीमतों में वृद्धि नहीं की जा सकती है।आलोचकों का तर्क है कि, चीनी मिलों ने 25 बिलियन रुपये तक का अवैध मुनाफा कमाया है।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्री ने सीनेट की स्थायी समिति की हालिया बैठक में कथित तौर पर आरोप लगाया कि, सरकार को निर्यात आदेश देने के लिए निर्यात संख्या में हेराफेरी की गई। पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (पीएसएमए) के प्रवक्ता टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे, लेकिन उन्होंने पहले चीनी उत्पादन की लागत बढ़कर रुपये तक पहुंचने का तर्क दिया था। दूसरी ओर, बाजार सूत्रों का दावा है कि, ये सभी कार्रवाइयां अंततः निरर्थक साबित होंगी और खुदरा मूल्य में कोई भी बदलाव अस्थायी होगा।

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