नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा कि, एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के अधिक उपयोग के कारण 2022-23 सीज़न की तुलना में अगले सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 3.41% कम होकर 31.68 मिलियन टन (MT) होने का अनुमान है। देश में गन्ने का क्षेत्रफल 2023-24 सीजन में लगभग 5.98 मिलियन हेक्टेयर होने का अनुमान है, जो चालू सीज़न के समान स्तर पर है।चालू सीजन में चीनी उत्पादन 32.8 मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
वर्तमान सीजन के 40.95 लाख टन के मुकाबले आने वाले सीजन में 45 लाख टन चीनी डायवर्जन एथेनॉल उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
ISMA ने कहा है कि, घरेलू चीनी की खपत 27.5 मिलियन टन और 4.2 मिलियन टन चीनी अधिशेष हो सकती है। चालू सीजन में भारत ने 6 मिलियन टन चीनी का निर्यात किया है। कुल चीनी निर्यात में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात और जिबूती की बड़ी हिस्सेदारी है। 2021-22 सीजन में भारत ने रिकॉर्ड 11.2 मिलियन टन चीनी का निर्यात किया था।
जून में, सरकार ने 2023-24 सीज़न के लिए किसानों को दिए जाने वाले गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में पिछले वर्ष की तुलना में 3% की बढ़ोतरी को (315 रुपये प्रति क्विंटल) करने की मंजूरी दी थी। एफआरपी में वृद्धि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले पेराई सत्र से लागू होगी, बशर्ते आधार चीनी रिकवरी 10.25% हो।
ISMA ने पहले सरकार से गन्ने की एफआरपी में बढ़ोतरी के अनुरूप चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) 31 रुपये प्रति किलोग्राम के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर कम से कम 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम करने का आग्रह किया था।