भोपाल: मध्य प्रदेश के किसान अपनी खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ड्रोन पायलट बनने के इच्छुक है। हाल ही में गन्ना किसानों के साथ बातचीत में यह मांग सामने आई।
लगभग 120 किसानों ने ड्रोन का उपयोग करने की अनुमति के लिए मप्र सरकार के कृषि इंजीनियरिंग निदेशालय में आवेदन किया है। सरकार यह देखने के लिए आवेदनों की जांच कर रही है कि, क्या उनमें से किसी के पास पहले से ही महानिदेशक नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) का ड्रोन लाइसेंस है। अगर उनके पास लाइसेंस होगा, तो उन्हें तुरंत उड़ान भरने के लिए हरी झंडी मिल जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार ड्रोन की खरीद और प्रशिक्षण लागत पर भी सब्सिडी देगी। कृषि इंजीनियरिंग निदेशालय के संयुक्त निदेशक, पवन सिंह श्याम ने ‘टीओआई’ को बताया की, खेती के लिए ड्रोन का उपयोग करने के कुछ नियम है। सबसे पहले, ड्रोन खरीदने वाले किसान के पास डीजीसीए से ड्रोन पायलट लाइसेंस होना चाहिए और उसके पास पासपोर्ट भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमने अभी तक कोई समय सीमा तय नहीं की है। हम आवेदनों की जांच करेंगे, और यदि किसी भी किसान के पास ड्रोन पायलट लाइसेंस पाया जाता है, तो हम तुरंत उन्हें सब्सिडी प्राप्त करने में मदद करेंगे। हम उन लोगों को प्रशिक्षित करने में मदद करेंगे जिनके पास नहीं है। श्याम ने कहा, प्रशिक्षण के लिए हमारे पास भोपाल के आईटी पार्क में बुनियादी ढांचा है। हम जबलपुर में एक प्रशिक्षण सुविधा भी खोल रहे हैं और किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए अन्ना विश्वविद्यालय के साथ बातचीत चल रही है।
एक बार किसानों को लाइसेंस मिल जाए, तो उन्हें ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।