जकार्ता : इंडोनेशियाई उद्योग मंत्री अगस गुमिवांग कार्तसास्मिता ने कहा है कि, सरकार 2028 तक चीनी आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि, उद्योगों की चीनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 2030 तक आत्मनिर्भरता हासिल करने का भी लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि, चीनी आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए सरकार ने एक रोडमैप तैयार किया है।
रोडमैप में कृषि पद्धतियों में सुधार करके गन्ने की उत्पादकता को 93 टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाने, 700 हजार हेक्टेयर गन्ना रोपण क्षेत्र को जोड़ने के साथ-साथ 11.2 प्रतिशत उपज प्रतिशत हासिल करने के लिए चीनी मिलों की क्षमता वृद्धि जैसे उपाय शामिल है। इसके अलावा, इसमें गन्ना किसानों की उन्नति और 2030 तक गन्ना पौधों से बायोएथेनॉल का उत्पादन कम से कम 1.2 मिलियन किलोलीटर तक बढ़ाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि, 2023 में राष्ट्रीय चीनी की जरूरत लगभग 6.8 मिलियन टन प्रतिवर्ष होने का अनुमान है। उन्होंने बताया, घरेलू इस्तेमाल के लिए 3.4 मिलियन टन चीनी और खाद्य और पेय उद्योग के लिए 3.4 मिलियन टन चीनी आवश्यक है। इसमें पहले से ही छोटे और मध्यम उद्योगों (आईकेएम) के लिए 400 हजार-500 हजार टन चीनी की आवश्यकता शामिल है। कार्तसास्मिता ने कहा कि, प्रारंभिक मूल्यांकन के परिणामों के आधार पर, 2023 में घरेलू चीनी उद्योगों से चीनी आपूर्ति 2.7 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा, घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए, नए चीनी उद्योगों को विकसित करना आवश्यक है जो गन्ने के बागानों के साथ एकीकृत हों।