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मुंबई : चीनीमंडी
महाराष्ट्र में चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा नौ चीनी मिलों को निष्पक्ष और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) बकाया भुगतान के लिए राजस्व और रिकवरी कोड (आरआरसी) जारी होने की संभावना है, जो कि केंद्र सरकार की नरम ऋण (सॉफ्ट लोन) योजना का लाभ लेने के बाद भी किसानों को भुगतान करने में विफ़ल रही है।
चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि, कुछ मिलें ऐसी हैं जो सॉफ्ट लोन राशि प्राप्त करने के बाद भी एफआरपी भुगतानों से चुके हैं। जल्द ही उन मिलों को ये नए नोटिस जारी किए जाएंगे। इनमें से तीन मिलें कोल्हापुर, दो पुणे और नांदेड, औरंगाबाद और सोलापुर की एक-एक मिल शामिल हैं।
15 अप्रैल की एफआरपी बकाया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 4,324.4 करोड़ एफआरपी भुगतान अभी भी बकाया हैं। इस सीझन में कुल एफआरपी भुगतान 21,934.17 करोड़ था, इसमें से मिलों ने किसानों को 17,928.40 करोड़ का भुगतान किया है, जो कि कुल एफआरपी के 82% है। महाराष्ट्र में 195 मिलों ने इस सीजन में 107 लाख टन चीनी का उत्पादन करने के लिए लगभग 950.30 लाख टन गन्ने की पेराई की है।
रिपोर्ट के अनुसार, 161 मिलों ने एफआरपी भुगतान कर चूक की है, केवल 34 मिलों ने 100% एफआरपी भुगतान किया है। 77 ने 80-99% भुगतान किया है, 49 ने 60-79% भुगतान किया है और 35 मिलों ने 60% से कम भुगतान किया है। इस साल महाराष्ट्र में चीनी सीजन काफी कठिन रहा।