बेंगलुरु : कर्नाटक राज्य रायथा संघ (KRRS) के प्रतिनिधिमंडल ने 28 अगस्त को मैसूर में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की और उनसे खराब मानसून के कारण किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य में सूखा घोषित करने का आग्रह किया। किसान नेता होसकोटे बसवराज के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि, राज्य सरकार पहले ही पुष्टि कर चुकी है कि राज्य के कुल 130 तालुका सूखे की चपेट में हैं। अत: राज्य सरकार को तत्काल राज्य में वर्ष 2023-24 के लिए सूखा घोषित करना चाहिए।
द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, केआरआरएस ने मुख्यमंत्री से गन्ना किसानों के लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने का भी आग्रह किया है, जो खेती की बढ़ती लागत के मद्देनजर अपनी उपज के लिए अधिक भुगतान की मांग कर रहे है। ज्ञापन में किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए चीनी (नियंत्रण) आदेश में उचित संशोधन की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को कर्नाटक में सूखा घोषित करने के राज्य सरकार के फैसले का पालन करना चाहिए और स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक धनराशि जारी करनी चाहिए।
पिछले 19 वर्षों के दौरान राज्य को 11 वर्षों तक सूखे और 4 वर्षों तक बाढ़ का सामना करना पड़ा है। ऐसी प्राकृतिक आपदाएं उन किसानों के लिए बहुत कठिनाइयाँ पैदा करती हैं, जो अपने अस्तित्व और आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है।ज्ञापन में बताया गया कि, पिछले माह बारिश होने पर किसानों ने अपने खेतों में बुआई कर ली थी। हालांकि, इस महीने बारिश नहीं होने से फसलें पहले ही मुरझाने लगी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।हालाँकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में सिंचाई पंपसेटों को नियमित और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति मिले ताकि किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर सकें।