भारत के वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा और उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार और निर्यात विकास मंत्री श्री डेमियन ओ’कॉनर ने कल नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक 22 मई, 2023 को पोर्ट मोरेस्बी में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई अत्यंत सफल बैठक के आधार पर, व्यापक आधार वाले संबंध विकसित करने की दिशा में दोनों सरकारों के निरंतर प्रयास का हिस्सा है।
न्यूजीलैंड और भारत के नागरिकों के बीच परस्पर मजबूत संबंध है, जिनमें कई कार्यकलाप जैसे वाणिज्य, शिक्षा और पर्यटन शामिल हैं। न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के लोग समाज के सभी पहलुओं में मजबूत योगदान दे रहे हैं। ये संबंध हमारे आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
मंत्रियों ने दोनों देशों में व्यवसायों के बीच कार्यकलापों को और भी अधिक बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। यह सुनिश्चित करने की इच्छा दोनों देशों की सरकारों के बीच संवाद को गति प्रदान करती है। 1986 के भारत-न्यूजीलैंड व्यापार समझौते के तहत स्थापित संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की वार्षिक बैठक और वरिष्ठ स्तर पर नियमित सहयोग के महत्व को भी स्वीकार किया गया। दोनों देशों के मंत्रियों ने व्यापार और निवेश के मुद्दों और सहकारी कार्यकलाप पर द्विपक्षीय चर्चा के लिए सुविधाजनक के रूप में नियमित आधार पर बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
दोनों देशों के मंत्रियों ने व्यापार और आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ बनाने करने की दिशा में निम्नलिखित प्रतिबद्धता को स्वीकार किया:
दोनों देशों का इरादा आर्थिक साझेदारी के लिए नए और नवोन्मेषी दृष्टिकोण का परीक्षण करना है।
नई पहलों को वास्तविक पारस्परिक लाभ के लिए प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के सहयोग को प्रोत्साहित करने, सुविधाजनक बनाने और समन्वित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
एक-दूसरे के बाजारों में उन अवसरों का पता लगाया जाना चाहिए, जो दोनों देशों के व्यवसायों के लिए हितकारी हैं।
एक सहयोग आधारित दृष्टिकोण के तहत दोनों देशों के बीच सहयोग में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें जहां भी उपयुक्त हो, संबंधित सरकारी विभागों और निजी क्षेत्र के अधिकारियों को शामिल करने पर जोर दिया जाना चाहिए। व्यापक और अनौपचारिक बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के बीच साझेदारी के लिए नवीन, नवोन्मेषी और उत्पादक क्षेत्रों के लिए नए विचार प्राप्त करना है।
मंत्रियों को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दोनों पक्षों के उद्योगों के साथ आयोजित संयुक्त हितधारक परामर्श और पारस्परिक हित के विषयों पर कार्य समूहों के गठन के लिए एक व्यापक समझौता किया गया। ये दोनों पक्षों के बीच व्यापार और उद्योग सहयोग तथा गठबंधन कार्यकलापों को सुदृढ़ करने के लिए डिज़ाइन की गई विद्यमान पहलों और द्विपक्षीय सलाहकार मंचों के अतिरिक्त और उनकी सहायता के लिए होंगे। अन्य बातों के अतिरिक्त, इसमें कीवी फल, फार्मास्यूटिकल्स, प्रसंस्करण, भंडारण और परिवहन आदि सहित कृषि और बागवानी के क्षेत्र में संभावित नवोन्मेषी तकनीकी सहयोग शामिल है।
व्यापार सुगमीकरण पर मंत्रियों ने न्यूजीलैंड से लकड़ी के लट्ठों के आयात की अनुमति देने के लिए एक व्यवहार्य विकल्प खोजने के संयुक्त प्रयास को स्वीकार किया। मंत्रियों ने हाल ही में न्यूजीलैंड को भारतीय आम के निर्यात की शुरुआत के साथ-साथ आमों के निर्यात के लिए भारत में दो अतिरिक्त वाष्प ताप उपचार सुविधा केंद्र की अनुमति देने के भारत के अनुरोध पर न्यूजीलैंड द्वारा की जा रही प्रगति का स्वागत किया।
मंत्रियों ने न्यूजीलैंड और भारत के बीच हवाई संपर्क में सुधार की अनुकूलता को स्वीकार किया, और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते को और अधिक उदार बनाने के लिए समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने का स्वागत किया। मंत्रियों ने विद्यमान शिक्षा संबंधों में गहराई लाने और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने के लिए दोनों देशों की इच्छा रेखांकित की।
मंत्रियों ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और पेमेंट्स न्यूजीलैंड के बीच आरंभिक चर्चा का स्वागत किया और इस बात पर सहमत जताई कि दोनों पक्षों को इस मुद्दे पर विचार-विमर्श जारी रखना चाहिए। वे इस बात पर सहमत हुए कि न्यूजीलैंड में यूपीआई की शुरुआत से दोनों देशों के बीच व्यापार करने में सरलता होगी और व्यापार तथा पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मंत्रियों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था स्तंभों में समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक संरचना में दोनों देशों की सदस्यता के हिस्से के रूप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच उत्कृष्ट सहयोग और क्षेत्रीय संस्थानों के माध्यम से मजबूत, समावेशी, पारदर्शी और विकास केंद्रित आर्थिक और व्यापार नियमों को सूचित करने के लिए दोनों देशों की भूमिका को स्वीकार किया।
मंत्रियों ने नियमित अंतराल पर कार्य समूहों द्वारा की गई प्रगति और उनकी अनुशंसाओं की समीक्षा करने की इच्छा जताई।
(Source: PIB)