महाराष्ट्र में बारिश की कमी से फसल पर असर हो रहा है और अब इसके साथ ही राज्य को सूखा प्रभावित घोषित करने की मांग हो रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार समूह) के नेता जयंत पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर राज्य को सूखा प्रभावित घोषित करने की मांग की है। बारिश की कमी के बाद राज्य में सूखे की स्थिति बनी हुई है जिसके कारण राकांपा (शरद पवार समूह) के प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।
पाटिल ने कहा की सरकार को स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सूखा घोषित करना चाहिए और तदनुसार आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे अपने पत्र में, पाटिल ने आशंका व्यक्त की कि इस संकट के कारण राज्य में किसान आत्महत्या कर सकते हैं।
पाटिल ने कहा कि अगस्त में राज्य के कुछ इलाकों में औसत की 29 फीसदी बारिश हुई। उन्होंने कहा की फिलहाल 329 राजस्व मंडलों में 23 दिनों के अंतराल से बारिश होने से सूखे का साया गहरा गया है। कोंकण को छोड़कर राज्य के 18 जिलों में खरीफ सीजन बर्बाद हो गया है। सांगली जिले में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस मानसून सीजन में अब तक औसत से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में सूखे की स्थिति बन गयी है। कम बारिश के कारण खरीफ की फसलें खतरे में हैं। खरीफ सीज़न की अधिकांश फ़सलें नष्ट हो गई हैं और चारे की फसल प्रभावित हुई है, जिससे जानवरों के लिए चारे की भारी कमी हो गई है। इससे राज्य के किसानों के लिए पशुधन को बचाने की भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
आपको बता दे, महाराष्ट्र गन्ना उत्पादन में देश में अहम योगदान देता है और अगर सूखे की स्तिथि बनी रही तो आगमी सीजन में चीनी उत्पादन भी प्रभावित होगा।