मैसूर: राज्य गन्ना उत्पादक संघ के प्रमुख कुरबुर शांताकुमार (State Sugarcane Growers’ Association President Kurubur Shanthakumar) ने चेतावनी दी कि, अगर राज्य सरकार 30 सितंबर तक पिछले वर्ष की लंबित एफआरपी (उचित पारिश्रमिक मूल्य) जारी नहीं करती है, तो विधान सौध के पास एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
मैसूरु में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, सूखे के कारण राज्य में 30 लाख गन्ना उत्पादक गंभीर संकट में है। किसानों की गन्ना उपज कम हो गई है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस साल गन्ने की एफआरपी में केवल 100 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी की गई है। राज्य सरकार को अगले दो सप्ताह के भीतर इसमें बढ़ोतरी करनी होगी।
कुरबुर शांताकुमार ने कहा कि, राज्य सरकार को सूखे की स्थिति के दौरान किसानों को राहत देनी चाहिए और फसल के नुकसान पर प्रति एकड़ 25,000 रुपये का मुआवजा देना चाहिए। उन्हें खड़ी फसलों को बचाने के लिए पंपसेट के लिए पूरे समय बिजली देनी चाहिए। इसके अलावा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत रोजगार देने, मवेशियों के लिए चारा देने सहित अन्य उपाय करने चाहिए। शांताकुमार ने सूखे की स्थिति के कारण राज्य से दशहरा को साधारण तरीके से मनाने का भी आग्रह किया।