महाराष्ट्र का चीनी उद्योग संकट के कगार पर है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान राज्य में चल रही कम वर्षा के कारण, गन्ना उत्पादन पर प्रभाव पड़ने की चिंताएँ हैं। इससे पिछले सीजन की तुलना में चीनी उत्पादन में संभावित रूप से कमी आ सकती है।
देश के चीनी उत्पादन का लगभग एक-तिहाई हिस्सा महाराष्ट्र का है और राज्य की मिलों ने 2022-23 सीज़न में 10.5 मिलियन टन का उत्पादन किया।
वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी.बी.ठोंबरे ने कहा की पेराई सत्र को लेकर गंभीर चिंताएं हैं क्योंकि चीनी मिलों को अगले सीजन में गन्ने की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है।
WISMA के अध्यक्ष बी.बी.ठोंबरे ने ‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए कहा की, अगस्त माह में बारिश नही हुई। सितंबर में बारिश होने की उम्मीद थी, लेकिन सितंबर में भी बारिश नहीं हुई है। प्रदेश में गन्ने की फसल सुख रही है, इसलिए इस साल उत्पादन में 15 से 18 फीसदी की गिरावट आनेकी आशंका है। साथ ही प्रदेश के कई जिलों में गुड़ इकाइयां और खांडसारी शुरू हो गई है। कई किसान अपना गन्ना गुड़ इकाइयां और खांडसारी को भेज रहे हैं। यदि मिलें देर से शुरू होती हैं, तो कुछ किसान चारे के लिए भी गन्ना बेच सकते है। इसलिए हम सरकार से 15 अक्टूबर को पेराई सीजन शुरू करने की मांग कर रहे है।