वेल्लोर: वेल्लोर सहकारी चीनी मिल के अधिकारी कथित तौर पर कम दरों पर मोलासिस बेचने के राज्य सरकार के आदेशों से ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे है।
डीटी नेक्स्ट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, आमतौर पर वेल्लोर इकाई सितंबर-अक्टूबर के दौरान मोलासिस बेचती है जब कीमतें अधिक होती है। इसलिए, जब राज्य सरकार ने हाल ही में मोलासिस के कुल 8,000 टन स्टॉक में से 3,000 टन को 7,800 रुपये प्रति टन पर बेचने का आदेश जारी किया, तो मिल अधिकारी हैरान रह गए। सूत्रों ने डीटी नेक्स्ट को कहा कि इस कदम से इस साल मिल के मुनाफे पर असर पड़ेगा।
सूत्रों ने बताया कि, जब इस पर राज्य के चीनी आयुक्त कार्यालय में हंगामा हुआ, तो अधिकारियों ने कीमतें बढ़ा दीं और 9,300 रुपये प्रति टन पर अन्य 1,500 टन की बिक्री का आदेश दिया। एक अधिकारी ने बताया, यह दुख की बात है कि पिछले साल इसी अवधि के दौरान मिल ने 11,000 रुपये प्रति टन पर मोलासिस बेचा और अच्छा मुनाफा कमाया।
अधिकारी ने कहा, परेशान करने वाली बात यह थी कि महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक जैसे शीर्ष चीनी उत्पादक राज्यों के पास फिलहाल मोलासिस का कोई स्टॉक नहीं है, और इसलिए हमें अपने द्वारा तय की गई दरों पर बेचकर अच्छा खासा मुनाफा होने की उम्मीद थी। हालांकि, वेल्लोर चीनी मिल परिसर से स्टॉक अभी तक नहीं उठाया गया है।