नई दिल्ली : भारत के प्रमुख चीनी उत्पादकों में से एक श्री रेणुका शुगर्स के कार्यकारी निदेशक विजेंद्र सिंह ने ‘मनीकंट्रोल’ को बताया की, इस साल मानसून के दौरान अनियमित बारिश के कारण गन्ना उत्पादन में 20 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। सिंह ने कहा, इस साल अगस्त सूखा रहा और फिर अक्टूबर सूखा रहा। इससे महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ना उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश असमान वर्षा से काफी हद तक अप्रभावित है। भारत में इस साल कई राज्यों में कमजोर मानसून रहा।
सिंह ने कंपनी के अनुकूल उपायों का जिक्र करते हुए कहा, हम अपने किसानों को कम पानी के उपयोग के साथ गन्ने की खेती करने के बारे में शिक्षित करने का प्रयास कर रहे है। जबकि कुछ क्षेत्रों को पानी की कमी का सामना करना पड़ा, यूपी जैसे क्षेत्रों में सूखे का असर नही दिखाई दे रहा है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की है कि चीनी की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध 31 अक्टूबर से अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि, घरेलू बाजार में चीनी की कोई कमी नहीं होगी और उपभोक्ताओं को उच्च कीमतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
देश के चीनी उत्पादन का एक हिस्सा एथेनॉल बनाने में खर्च किया जाता है। श्री रेणुका शुगर्स ने हाल ही में अपनी एथेनॉल क्षमता 720 केएलपीडी से बढ़ाकर 1,250 किलो-लीटर प्रति दिन कर दी है, जिससे यह भारत में एथेनॉल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बन गया है। कंपनी ने 12 अक्टूबर को अनामिका मिल्स का अधिग्रहण किया, जिसकी प्रतिदिन 4,000 मीट्रिक टन गन्ना पेराई क्षमता है।सिंह ने कहा कि, कंपनी उधार और आंतरिक स्रोतों के माध्यम से अधिग्रहण को वित्तपोषित करने की योजना बना रही है।
पिछले तीन वर्षों में कंपनी के सकल ऋण के दोगुना होने के बारे में बोलते हुए, सिंह ने कहा, EBITDA ने बहुत मजबूत वृद्धि देखी है और साल-दर-साल 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कर्ज़ कम करना एक सतत प्रक्रिया है और हम समय आने पर उचित कार्रवाई करना जारी रखेंगे।सिंह सरकार की सहायक नीतियों पर प्रकाश डालते हुए, चीनी क्षेत्र के भविष्य को लेकर आशावादी रहे।उन्होंने कहा, लंबे समय के बाद चीनी उद्योग एक स्थिर व्यवसाय बन गया है।