लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने 550 करोड़ रुपये की एक दर्जन निजी क्षेत्र की जैव ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। परियोजनाएं राज्य भर में compressed biogas (CBG) और बायोडीजल (biodiesel) का उत्पादन करेगी। बायोएनर्जी परियोजनाओं को अतिरिक्त मुख्य सचिव महेश गुप्ता की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था।
बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित खबर के मुताबिक, महेश गुप्ता ने कहा की उत्तर प्रदेश हरित ऊर्जा पर जोर दे रहा है और निजी क्षेत्र इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं से आकर्षित है। उन्होंने बताया कि, यूपी को यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स शिखर सम्मेलन (जीआईएस) 2023 में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
बायोएनर्जी उत्पादन न केवल पराली (फसल अवशेष) जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करेगा बल्कि किसानों को एक स्थायी राजस्व स्रोत भी प्रदान करेगा। यूपी राज्य बायोएनर्जी नीति 2022 के तहत, राज्य प्रति दिन 1,000 टन सीबीजी, 4,000 टन जैव-कोयला (छर्रों), और 2,000 किलोलीटर बायोडीजल के उत्पादन का लक्ष्य रख रहा है। इस नीति का उद्देश्य पारिस्थितिक संरक्षण में सहायता करने और पराली जलाने के कारण मिट्टी की उर्वरता के नुकसान को रोकने के लिए कृषि अपशिष्ट पर आधारित जैव ऊर्जा को बढ़ावा देना है।