बेंगलुरु : देश के तीसरे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक के गन्ना उत्पादक क्षेत्र में कम बारिश हुई है, जिससे चालू सीजन में राज्य में कुल चीनी उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है। ‘चीनीमंडी’ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, साउथ इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन-कर्नाटक (SISMA) के अध्यक्ष और श्री रेणुका शुगर्स के कार्यकारी निदेशक, श्री विजेंद्र सिंह ने बताया कि, 2023-24 चीनी सीजन में गन्ने की फसल में 20% की कमी हो सकती है। परिणामस्वरूप चीनी का उत्पादन कम होगा और राज्य से एथेनॉल आपूर्ति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने OMCs से अगले वर्ष के लिए एथेनॉल की कीमतों की जल्द से जल्द घोषणा करने का आग्रह किया, ताकि चीनी उद्योग कुशलतापूर्वक एथेनॉल उत्पादन की योजना बना सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, कर्नाटक में चीनी उद्योग धारा 11 के लागू होने से प्रभावित होगा जो चीनी मिलों को खुले बाजार में बिजली बेचने की अनुमति नहीं देगा।
Q. कर्नाटक में पेराई सत्र कब शुरू होगा?
उत्तर : 1 नवंबर 2023 तक कर्नाटक की सभी मिलें चालू हो जाएंगी।
Q. कर्नाटक में गन्ना उत्पादन को लेकर आपकी क्या उम्मीदें हैं?
उत्तर : जैसा कि आप जानते हैं कि इस वर्ष राज्य में गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में कम वर्षा हुई, जिसके परिणामस्वरूप गन्ने की फसलों की वृद्धि रुक गई और इसका असर पैदावार पर पड़ सकता है। मानसून के बाद के समय में कुछ वर्षा हुई, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कर्नाटक में फसल लगभग 20% कम हो जाएगी। कम बारिश के कारण बीजापुर और गुलबर्गा के कुछ इलाके बुरी तरह प्रभावित नजर आ रहे है।हालाँकि, दक्षिण कर्नाटक और बेलगाम क्षेत्र बेहतर है।
Q. चालू सीजन में कर्नाटक में चीनी उत्पादन का आपका अनुमान क्या है?
उत्तर: जैसा कि मैंने पहले कहा है, गन्ने की फसल लगभग 20% कम हो जाएगी। हम चालू सीजन में कर्नाटक में लगभग 4.5 मिलियन मीट्रिक टन चीनी की उम्मीद कर सकते हैं।
Q. एथेनॉल उत्पादन के लिए पिछले वर्ष कितनी चीनी का उपयोग किया गया?
उत्तर: पिछले वर्ष लगभग 0.9 मिलियन मीट्रिक टन चीनी एथेनॉल के उत्पादन के लिए भेजी गई थी। 27 अगस्त 2023 तक, कर्नाटक ने ESY 2022-23 में 30.53 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की है।
Q. एथेनॉल के लिए कितनी चीनी का उपयोग किया जाएगा? कर्नाटक में एथेनॉल उत्पादन के संबंध में आपका दृष्टिकोण क्या है?
उत्तर :केंद्र सरकार ने अभी तक एथेनॉल की कीमतों की घोषणा नहीं की है, इसलिए चीनी कंपनियों के लिए उत्पादन मिश्रण पर निर्णय लेना मुश्किल है। यह वांछनीय है कि दरें तुरंत घोषित की जाएं। हालांकि, ऐसा लगता है कि एथेनॉल की कीमतें घोषित न होने के कारण राज्य में चीनी डायवर्सन 0.9 मिलियन मीट्रिक टन से घटकर लगभग 0.6 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगा। इसके अलावा छोटे सीजन और चीनी की ऊंची कीमतों के कारण कर्नाटक में एथेनॉल उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
Q. क्या आपको कर्नाटक में आगामी सीज़न के लिए कोई अन्य चुनौतियाँ दिखाई देती हैं?
उत्तर: हमें पेड़ी की फसल की रक्षा करने की जरूरत है और गन्ने की नई खेती भी शुरू करनी चाहिए। सबसे बड़ी बाधा कृषि क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति है, जो इन दिनों बहुत अनियमित है। कर्नाटक सरकार इसमें सुधार के लिए प्रयास कर रही है।हमें राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति पर नजर रखनी होगी।
कर्नाटक में चीनी उद्योग Section-11 के लागू होने से प्रभावित है, जो बिजली उत्पादकों को खुले बाजारों में बिजली बेचने से रोकता है और उन्हें पूर्व-निर्धारित दरों पर ईएससीओएम को बिजली की आपूर्ति करने की आवश्यकता होती है। इससे चीनी उद्योग की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो इस साल छोटा सीजन होने के कारण पहले से ही तनाव में है। नीति निर्माताओं को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए और चीनी उद्योग को बाजार कीमतों पर बिजली बेचने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि उद्योग की कठिनाइयों को कम किया जा सके जो पहले से ही गन्ने की कमी के कारण तनाव में है।