खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ कार्यक्रम 5 नवंबर को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। समापन सत्र में इस कार्यक्रम की शानदार सफलता का उल्लेख किया गया, जिसमें राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भारत की जीवंत पाक विरासत को प्रदर्शित करने और विभिन्न उद्योगों के बीच एक मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने वैश्विक पाक केंद्र के रूप में देश की क्षमता पर जोर देते हुए वैश्विक भूख से निपटने के लिए खाद्य वितरण को बढ़ाने के महत्व का उल्लेख किया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन 3 नवंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों के लिए मूल पूंजी सहायता का वितरण करके किया था। उन्होंने भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ के रूप में प्रस्तुत करने और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने में इस कार्यक्रम की भूमिका पर जोर दिया। प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप पैवेलियन तथा फूड स्ट्रीट की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने भविष्य की अर्थव्यवस्था को साकार करने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को ‘सनराइज़ सैक्टर’ के रूप के रूप में मान्यता देते हुए, उन्होंने नौ वर्षों में पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आकर्षण पर में प्रकाश डाला। उन्होंने मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में हजारों करोड़ के निवेश पर जोर देते हुए पीएलआई योजना और एग्री-इंफ्रा फंड के तहत चल रही परियोजनाओं के प्रभाव को रेखांकित किया।
भारत सरकार के दस मंत्रालयों/विभागों, छह कमोडिटी बोर्डों और 25 राज्यों के सहयोग से आयोजित मेगा फूड इवेंट ने महत्वपूर्ण रूप से अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू हितधारकों का ध्यान आकर्षित किया। इस आयोजन में 1208 प्रदर्शकों, 14 देश के मंडपों और 715 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों, 218 घरेलू खरीदारों और 97 कॉर्पोरेट दिग्गजों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। सात प्रदर्शनी हॉलों में पचास हजार वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में फैले इस कार्यक्रम ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में हुई नवीनतम प्रगति का प्रदर्शन करने के लिए एक व्यापक मंच उपलब्ध कराया। इस कार्यक्रम में सात मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों सहित 14 देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया। इस आयोजन की वैश्विक अपील को भागीदार देश के रूप में नीदरलैंड और फोकस देश के रूप में जापान की विशिष्ट भागीदारी से और अधिक मजबूती मिली।
(Source: PIB)