कोल्हापुर: कोल्हापुर, सांगली और सतारा जिले के कुछ हिस्से को छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों में पेराई सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। कोल्हापुर, सांगली और सतारा जिलों में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, शेतकरी संगठन, आंदोलन अंकुश और रघुनाथदादा पाटील के शेतकरी संगठन द्वारा शुरू किए गए आंदोलन के कारण, पेराई प्रक्रिया बहुत धीमी गति से चल रहा है। राज्य में 13 नवंबर तक 103 चीनी मिलों ने 35 लाख टन गन्ने की पेराई पूरी कर ली है और साथ ही 23 लाख 43 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है।
चीनी सीजन 2023-24 के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 217 चीनी मिलों ने चीनी आयुक्तालय को प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। जिनमें से उन्हीं चीनी मिलों को गन्ना पेराई के लाइसेंस वितरित किये गये हैं, जिन्होंने गन्ना निगम की कटौती राशि के साथ एफआरपी एवं अन्य धनराशि की पूर्ति कर ली है। सोमवार (13 नवंबर) तक, आयुक्तालय ने 80 सहकारी और 92 निजी सहित कुल 172 चीनी मिलों को इस वर्ष के गन्ना पेराई लाइसेंस ऑनलाइन वितरित किए है।
राज्य सरकार ने जननेता गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक निगम की बकाया राशि 17 रुपये प्रति टन की दर से चार चरणों में वसूलने को मंजूरी दे दी है। अत: मिलों ने यह राशि तुरंत चुका दी और गन्ना पेराई का लाइसेंस लेने के लिए दौड़ पड़े और लाइसेंस की संख्या बढ़ गई। चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने ‘चीनीमंडी’ को बताया कहा कि, वर्तमान में केवल 45 मिलों को लाइसेंस दिया जाना बाकी है।