नई दिल्ली : अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सल्मिया का कहना है कि, गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में केवल वह और कर्मचारियों और मरीजों सहित कुछ अन्य लोग ही बचे है। इजराइल की सेना ने निकासी का आदेश देने से इनकार किया है। दक्षिण गाजा में खान यूनिस शहर पर इजरायली बमबारी में कथित तौर पर कम से कम 28 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं।
फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा कि, उसकी मेडिकल टीमें अभी भी इजरायली सेना की भारी गोलाबारी के बीच गाजा के अल-अहली अस्पताल में फंसी हुई हैं।संगठन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हम अपनी टीमों की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हैं जो अब खतरे में हैं।
इज़राइल को गाजा में बिजली पानी और सीवेज संचालन के लिए प्रति दिन दो ईंधन ट्रकों की अनुमति देनी है।सहायता समूहों का कहना है कि, यह राशि पर्याप्त नहीं है।गाजा में स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई है, जो बीमारी और भुखमरी का शिकार होने की संभावना है।7 अक्टूबर से गाजा पर इजरायली हमलों में कम से कम 12,000 लोग मारे गए है।इजरायल में, हमास के हमलों से मरने वालों की आधिकारिक संख्या लगभग 1,200 है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री माई अल-कैला ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से हस्तक्षेप करने और समय से पहले और घायल बच्चों को अल-शिफा अस्पताल से कब्जे वाले वेस्ट बैंक या मिस्र के अस्पतालों में स्थानांतरित करने का आह्वान किया।अल-कैला ने कहा कि, इजरायली अधिकारी अल-शिफा में कहर बरपा रहे हैं और उन्होंने अस्पताल परिसर को सैन्य बैरकों में बदल दिया है, क्योंकि वे बंदूक की नोक पर अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकाल रहे है। अल-कैला ने कहा, गाजा पट्टी में ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जिसमें घायल और समय से पहले जन्मे बच्चों को रखने की क्षमता हो।