गन्ना उत्पादन में कमी के मद्देनजर सरकार एथेनॉल को लेकर जल्द अहम फैसला ले सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत स्थानीय बाजार में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत सरकार एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी के इस्तेमाल में कमी लाने की योजना बना रही है।
एथेनॉल के लिए कम डायवर्जन से भारत को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिसमे की सामान्य से कम बारिश के कारण गिरावट का अनुमान है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ESY 2023-24 में सरकार मिलों से एथेनॉल उत्पादन करने के लिए गन्ने के रस (Sugarcane juice) और बी-हैवी मोलासेस (B Heavy Molasses) का उपयोग नहीं करने के लिए कह सकती है। सरकार मिलों को केवल सी-हैवी मोलासेस (C Heavy Molasses) से एथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति देगी। हालही में हुए मीटिंग में मंत्रियों की समिति इसपर चर्चा की थी।
1 नवंबर से शुरू हुए ESY 2023-24 में एथेनॉल खरीद के लिए नए दिशानिर्देशों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
आपको बता दे, केंद्र ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि भारत में वर्तमान एथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर है और ईंधन मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
एथेनॉल रोडमैप के अनुरूप, तेल विपणन कंपनियों ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 के दौरान 10 प्रतिशत और एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 के दौरान 12 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया है।
सरकार ने 2014 से एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं जिनमें एथेनॉल के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विस्तार; एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत एथेनॉल की खरीद के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र; ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल पर जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाना; सम्मिश्रण के लिए राज्यों में एथेनॉल की मुक्त आवाजाही के लिए उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन; देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और बढ़ाने के लिए ब्याज सहायता योजना; एथेनॉल की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) को नियमित रूप से जारी करना शामिल है।