नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले से देश के 20% एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा कि, सरकार एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध है और 2023 में 15% और 2025-26 तक 20% सम्मिश्रण हासिल करने की योजना है। सरकार ने चीनी मिलों को निर्देश दिया है कि, वे इस साल एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के रस/शुगर सिरप का इस्तेमाल न करें।
द इंडियन एक्सप्रेस में प्राकशित खबर के मुताबिक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) के सचिव पंकज जैन ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि, सरकार एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध है और 2023-24 में पेट्रोल में 15% मिश्रण हासिल करने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि, वित्त वर्ष 2025-26 तक 20% एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया जाएगा।
भारत 85% पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है, और भारत का लक्ष्य पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर अपने आयात में कटौती करना है। इसका 10% एथेनॉल मिश्रण का प्रारंभिक लक्ष्य नवंबर 2022 की लक्षित समय सीमा से काफी पहले 2022 के मध्य में हासिल किया गया। देश का लक्ष्य 2030 के अपने पिछले लक्ष्य से पहले 2025 तक 20% मिश्रण हासिल करना है।