पिछले 10 वर्षों में, चीनी मिलों ने एथेनॉल की बिक्री से 94,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया: सरकार

नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया की पिछले 10 वर्षों में, चीनी मिलों ने एथेनॉल की बिक्री से 94,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है, जिससे चीनी मिलों की आय में इजाफा हुआ है।

उन्होंने कहा की 30 नवंबर 2023 तक, देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता लगभग 1380 करोड़ लीटर है, जिसमें से लगभग 875 करोड़ लीटर मौलेसेस आधारित और लगभग 505 करोड़ लीटर अनाज आधारित है।

नई एथेनॉल डिस्टिलरीज की स्थापना/मौजूदा एथेनॉल डिस्टिलरीज के विस्तार से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 40,000/- करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के अवसर आए हैं।

प्रभावी सरकारी नीतियों के कारण, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को एथेनॉल की आपूर्ति ईएसवाई 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से 13 गुना से अधिक बढ़कर एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2022-23 में लगभग 502 करोड़ लीटर हो गई है। सम्मिश्रण प्रतिशत भी ईएसवाई 2013-14 में 1.53 प्रतिशत से बढ़कर ईएसवाई 2022-23 में लक्षित 12 प्रतिशत हो गया है।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री ने कहा की एथेनॉल की बिक्री के माध्यम से, चीनी मिलों के लिए नकदी प्रवाह में सुधार हुआ है जिसके परिणामस्वरूप गन्ना किसानों को शीघ्र भुगतान हुआ है। चीनी मिलों ने चीनी सीजन (एसएस) 2022-23 में किसानों के गन्ने का 98.3 प्रतिशत और पिछले एसएस 2021-22 में 99.9 प्रतिशत गन्ना बकाया चुका दिया है।

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