पुणे: महाराष्ट्र में 1 नवंबर 2023 से गन्ने की कटाई का सीजन शुरू हो गया है। पहले दो हफ्तों में किसान संगठनों द्वारा किये गये आंदोलन के चलते पेराई बहुत धीमी गति से चल रही थी। वर्तमान में राज्य में कुल 195 चीनी मिलें चल रही हैं, जिनमें 96 सहकारी और 99 निजी हैं। 28 दिसंबर 2023 के अंत में राज्य में 356.18 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ। पिछले वर्ष इसी तिथि तक 446.57 लाख क्विंटल का उत्पादन हुआ था। इस साल उत्पादन 90.39 लाख क्विंटल कम हुआ है। गन्ने की कमी के साथ साथ गन्ना मजदूरों के अन्य राज्यों में पलायन से स्थानीय चीनी मिलों की कटाई में बाधा आ रही है।
सूखे की स्थिति के कारण महाराष्ट्र में गन्ने की कमी है। राज्य से गन्ना कटाई मजदुर बड़े पैमाने पर गुजरात, कर्नाटक की ओर पलायन कर चुके हैं। इसका सबसे ज्यादा असर चीनी मिलों पर पड़ रहा है। गन्ना उपलब्ध होने के बावजूद समय पर कटाई नहीं होने से कई मिलें पूरी क्षमता से नहीं चल पा रही हैं। इसका असर चीनी उत्पादन पर पड़ा है।
आपको बता दे की, 2022 में राज्य में 102 सहकारी और 99 निजी मिलों सहित कुल 201 मिलें पेराई कर रही थी।
इस वर्ष सभी मिलों को गन्ना काटने वाले मजदूरों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। समय पर गन्ने की कटाई न होने से गन्ने के वजन में कमी और चीनी की रिकवरी पर असर पड़ रहा है। पिछले वर्ष चीनी रिकवरी 9.32 थी। इस साल यह घटकर 8.84 पर आ गई है। कोल्हापुर को छोड़कर किसी भी जिले में 10 प्रतिशत से अधिक चीनी रिकवरी नहीं है।
राज्य में सूखे के हालात के कारण पेराई मौसम पर सवालिया निशान लग गया था। अधिकांश गन्ना श्रमिक पर्याप्त काम पाने की संभावना के साथ गुजरात, कर्नाटक चले गए। खेत में गन्ना खड़ा है। किसान गन्ना छिलाई के बारे में मिलों में पूछताछ कर रहे हैं। लेकिन गन्ना श्रमिकों की कमी के कारण मिलें पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं।