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नयी दिल्ली, 18 मई (UNI) ईरान से कच्चा तेल आयात करने पर अमेरिका द्वारा थोपे गये प्रतिबंध पर सरकार ने भले ही अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं किया है, लेकिन देश की सबसे तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने ईरान से इस साल तेल आयात के लिए कोई समझौता नहीं किया है।
इंडियन ऑयल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने शुक्रवार को कहा, “पिछले साल ईरान से 90 लाख टन कच्चा तेल आयात किया गया था लेकिन 2019-20 के लिए हमने ईरान से आयात के लिए कोई पूर्व समझौता नहीं किया है।”
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाते हुये कहा है कि वहाँ से आयात करने वाला कोई भी देश अमेरिकी प्रतिबंध के लिए तैयार रहे। उसने पिछले साल नवंबर में यह प्रतिबंध लगाया था, लेकिन भारत समेत आठ देशों को इससे छह महीने की छूट दी गयी थी जो इस साल मई में समाप्त हो चुकी है।
इस संदर्भ में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों कहा था कि नयी सरकार के गठन के बाद ईरान से कच्चा तेल आयात पर कोई फैसला लिया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि इंडियन ऑयल ने (उसकी इकाई चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड समेत) पिछले वित्त वर्ष 800 लाख टन कच्चे तेल का शोधन किया था। इसमें लगभग 88 प्रतिशत आयातित था। इनमें 70 से 75 प्रतिशत पूर्व समझौतों के तहत आयात किये गये थे जबकि शेष की मौके पर खरीद की गयी थी। इसमें 90 लाख टन ईरान से आयात किया गया था।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री सिंह ने स्वीकार किया कि ईरान से कच्चा तेल आयात के समझौते की शर्तें कंपनी के लिए बेहतर थीं, हालाँकि उन्होंने कहा कि कंपनी के कच्चे तेल के स्रोतों में काफी विविधता है और ईरान से आयात बंद होने का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने 2018-19 में अमेरिकी कच्चा तेल आयात के लिए दो समझौते किये हैं तथा वह अमेरिका जैसे गैर-पारंपरिक स्रोतों को साधने पर भी ध्यान दे रही है।