मथुरा: गन्ना फसल से किसानों ने बनाई दुरी, रकबा घट रहा है

मथुरा, उत्तर प्रदेश: जनपद के छाता में अत्याधुनिक गन्ना मिल के निर्माण की तैयारियां चल रही है, लेकिन दूसरी तरफ गन्ना बुवाई का रकबा साल दर साल घट रहा है। छाता मिल बीते 15 साल से बंद होने की वजह से किसानों ने गन्ना फसल से दूरी बना ली है। अन्य जनपदों में गन्ना ले जाने पर परिवहन खर्च ज्यादा लगता था। नई मिल शुरू होने के बाद गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही हैं। गन्ना विभाग और निर्माणाधीन चीनी मिल प्रबंधन की ओर से गन्ना रकबा बढ़ाने के प्रयास किये जाने की संभावना है।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 2001-02 में जब छाता मिल चालू थी तब 17921.992 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना रकबा था। इससे 70.12 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ। इसके बाद साल दर साल रकबा घटने के साथ ही उत्पादन भी घटता चला गया। बीते पांच सालों में बुवाई रकबा 500 हैक्टेयर से भी कम हो गया है। गन्ना उत्पादन कम होते ही चीनी मिलों में गन्ने की आपूर्ति एकदम घट गई है। छाता मिल बंद होने के समय 4825 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 23.38 लाख क्विंटल गन्ने की पैदावार ली गई थी और 3.73 लाख क्विंटल चीनी की आपूर्ति की गई। छाता मिल का संचालन दोबारा शुरू होने की उम्मीद में किसानों ने इस सत्र में बुलंदशहर से उन्नत प्रजाति का बीज लाकर 32.5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की बुवाई की है। इससे आगामी फसल के लिए बीज तैयार किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here