विजयवाड़ा: राज्य सरकार राज्य में सहकारी चीनी मिलों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लागू करने की योजना बना रही है। सरकार ने पहले ही कर्मचारियों की पहचान कर ली है और VRS के लिए उनके भुगतान का निपटान शुरू कर दिया है। सहकारी क्षेत्र में सात चीनी मिलें हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में बंद हो गई हैं। पिछले छह वर्षों में चित्तूर, तिरुपति, कडपा, कोव्वुर, जम्पनी और अनकापल्ली में सहकारी मिलें बंद हो गई हैं।
टीडीपी शासन के दौरान राज्य सरकार ने इन मिलों में VRS का प्रस्ताव दिया था। प्रारंभ में यह अनुमान लगाया गया था कि, सरकार को योजना के तहत कर्मचारी के भुगतान का निपटान करने के लिए लगभग ₹108 करोड़ की आवश्यकता होगी। टीडीपी सरकार द्वारा गठित एक कैबिनेट उपसमिति ने इन सभी सात मिलों में VRS की सिफारिश की थी।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सरकार ने 2022 में सहकारी चीनी मिलों में VRS लागू करने के आदेश जारी कर दिये है। हालांकि, सरकार योजना के कार्यान्वयन के लिए धन जुटाने में विफल रही। राज्य सरकार ने अब तक ₹69.86 करोड़ का भुगतान किया है और कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए ₹38.54 करोड़ की आवश्यकता होगी। इन सभी छह सहकारी चीनी मिलों में 2,394 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिन्हें VRS के तहत लाभ मिलना है। जबकि कडप्पा में चीनी मिल 2008 से बंद हो गई थी, अन्य मिलें क्रमशः 2012, 2014 और 2015 से बंद हुई हैं।