नई दिल्ली : भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से बिक्री के लिए पेश किए जाने वाले गेहूं की मात्रा को हर हफ्ते 50,000 टन से बढ़ाकर 5 लाख टन करने का फैसला किया है। बुधवार को हुई ई-नीलामी में अनाज के औसत बिक्री मूल्य में गिरावट के बाद यह नीलामी के अगले दौर से होगी। जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में 4,000 टन अतिरिक्त मात्रा की पेशकश की जाएगी, हरियाणा और बिहार सहित छह राज्यों को अगले सप्ताह की नीलामी में 3,000 टन अतिरिक्त आवंटित किया गया है।
17 जनवरी की नीलामी में, बिक्री के लिए पेश की गई कुल मात्रा 4 लाख टन से बढ़ाकर 4.5 लाख टन कर दी गई थी और इससे पहले 13 दिसंबर से इसे 3 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन कर दिया गया था। द हिन्दू बिजनेसलाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक , आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 31 जनवरी को एफसीआई द्वारा 5 लाख टन गेहूं की नीलामी की जाएगी। 24 जनवरी को आयोजित साप्ताहिक नीलामी में पेश किए गए 4.5 लाख टन में से 4.24 लाख टन (94 प्रतिशत से अधिक) बेचा जा चुका है।
चूंकि अगली फसल आने तक मांग मजबूत बनी रहेगी, इसलिए मिल मालिकों को उम्मीद है कि सरकार जो भी मात्रा की पेशकश करेगी, हर दौर में 90 प्रतिशत से अधिक बिकने की संभावना है। सरकार ने वहां मात्रा भी अधिकतम बढ़ा दी है, जहां मांग भी सबसे ज्यादा है ताकि प्रोसेसर बहुत ऊंची बोली न लगाएं।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार यह संकेत नहीं देना चाहती कि गेहूं बहुत अधिक दरों पर बेचा जा रहा है। इसलिए उच्चतम बोली दरों में कटौती करना भी एक प्राथमिकता है।