लखनऊ : आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के इस्तेमाल से हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किये जा रहे है।कृषि विभाग भी इससे अछुता नही रहा है।किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक कारगर साबित हो सकती है।उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने की खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को बढावा देने का फैसला किया है। इस तकनीक के इस्तेमाल से गन्ना किसानों को संभावित कीट हमलों के पूर्वानुमान, फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी, मौसम पूर्वानुमान, उचित जल संचरण, सिंचाई में स्वचालन तकनीक, ड्रोन, मिट्टी के नमूने, डेटा विश्लेषण और फसल रोपण सहित विभिन्न कार्यों में तकनीकी सहायता मिल सकेगी।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को पहल के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को गन्ना किसान संस्थान में आयोजित समीक्षा बैठक में गन्ना आयुक्त ने गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान करने तथा घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाने के भी निर्देश दिए। घटतौली की सूचना के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 भी जारी किया। उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों द्वारा चीनी मिल गेटों एवं गन्ना क्रय केंद्रों पर सघन निरीक्षण अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में गन्ना आयुक्त गन्ना आयुक्त ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में अब तक 14,200 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है, जो कुल देय राशि का लगभग 82 प्रतिशत है। 120 चीनी मिलों द्वारा लगभग 574 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुए अब तक लगभग 58 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था। वर्तमान में 44.40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 29.66 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। इस दौरान गन्ने की उत्पादकता भी बढ़कर 83.95 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। पिछले साढ़े छह वर्षों में कुल 2,35,073 करोड़ रुपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के किसानों का कराया गया है।