मऊ, उत्तर प्रदेश: गन्ने की कमी के चलते स्थानीय चीनी मिल जनवरी से अब तक लगभग चार बार बंद (नो-केन) हो चुकी है।गन्ने की पर्याप्त आपूर्ति के लिए चीनी मिल गन्ना विभाग के सुपरवाइजरों के माध्यम से गन्ना फसल का सर्वे करा रही है, जिसके बाद वास्तविक आकलन कर पर्ची जारी की जा सके। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार, दो फरवरी से अगले दिन तक चीनी मिल अनुरक्षण के चलते न चल सकी। इस अवधि का आंकलन कर मिल ने पर्ची जारी किया।
दोबारा पेराई प्रारंभ हो तो निर्गत पर्ची के अनुसार किसानों ने गन्ने की आपूर्ति नहीं किया। इसके चलते गन्ने के अभाव में बुधवार की रात मिल बंद हो गई। हालांकि गुरुवार की सुबह से ही गन्ने की आपूर्ति होने लगी। दोपहर में मिल दोबारा गन्ने की पेराई करने लगी। एक बार मिल बंद होने के बाद दोबारा पेराई प्रारंभ करने में कई घंटे लग जाते हैं। इसके चलते चीनी उत्पादन लागत बढ़ जाती है।चीनी मिल घोसी के मुख्य गन्ना अधिकारी डा. विनय प्रताप सिंह ने कहा की, जिस किसान के गन्ने की मात्रा निर्गत पर्ची से अधिक है, उसकी रिकैलेंडरिग होगी ताकि उसे गन्ने की मात्रा के अनुसार पर्ची जारी हो सके। जिस किसान के नाम से पर्ची जारी है व खेत में गन्ना नहीं है, उसकी पर्ची निरस्त की जाएगी। सभी गन्ना किसान अपने गन्ना सुपरवाइजर से संपर्क कर सर्वे करा लें।