चेन्नई : ईआईडी पैरी (EID Parry) के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक मुथु मुरुगप्पन ने कहा की, मुरुगप्पा समूह के स्वामित्व वाली चीनी निर्माता EID Parry ब्रांडेड एफएमसीजी और जैव ईंधन (biofuel) से राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है क्योंकि जलवायु परिवर्तन और नियामक अनिश्चितता ने चीनी क्षेत्र को प्रभावित किया है। मुरुगप्पा समूह की पांचवीं पीढ़ी के वंशज मुथु मुरुगप्पन ने कहा, हम आने वाले वर्षों में, गैर-चीनी राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए पूंजी आवंटन जैव ईंधन और उपभोक्ता क्षेत्रों में किया जाएगा।
द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा की, चीनी व्यवसाय के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण तिमाही थी। ख़राब मानसून इसका मूल कारण था, क्योंकि महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों राज्यों में वर्षा कम थी। इससे न केवल वॉल्यूम पर बल्कि रिकवरी पर भी असर पड़ा। स्टैंडअलोन आधार पर, ईआईडी पैरी को 14 करोड़ रुपये का तिमाही घाटा हुआ, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में 16 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। डिस्टिलरी सेगमेंट दबाव में आ गया क्योंकि सरकार ने दिसंबर 2023 में एथेनॉल के उत्पादन के लिए गन्ने के रस/सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।
जैव ईंधन व्यवसाय के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, देश का जैव ईंधन कार्यक्रम हमारे लिए एक अवसर है, और टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) एक अन्य क्षेत्र है जिस पर शोध चल रहा है। उन्होंने स्वीकार किया की, हमारे अनुसंधान एवं विकास खर्च का बड़ा हिस्सा चीनी पर केंद्रित है, और यह जैव ईंधन के मामले में बेहतर हो सकता है। EID Parry की दो नई डिस्टिलरियां आने वाली तिमाहियों में शुरू होंगी, एक तमिलनाडु में और दूसरी कर्नाटक में होगी। इनके साथ, कुल डिस्टिलरी क्षमता 600 केएलपीडी तक पहुंच जाएगी, जबकि तीन-चार साल पहले यह 200 केएलपीडी के आसपास थी।
मुरुगप्पन ने कहा, कंपनी ने गुड़, ब्राउन शुगर, लो-ग्लाइकेमिक इंडेक्स शर्करा और अन्य मिठास जैसे मूल्यवर्धित उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिए अपने एफएमसीजी व्यवसाय की नींव भी रखी है। यह ब्रांडेड स्टेपल में भी वृद्धि की गुंजाइश देखता है और अब पैरी ब्रांड के तहत तमिलनाडु में चावल, दाल, बाजरा बेचता है। मुरुगप्पन ने कहा कि, समूह आने वाले वर्षों में खाद्य व्यवसाय में नए उत्पाद विकास कार्य बढ़ाएगा।