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मुंबई : चीनी मंडी
लोन मर्यादा खत्म होने के कारण जिला बैंकों ने मिलर्स को लोन देने से इन्कार किया था, अब जिला बैंकों की तरह राज्य बैंक ने वही कारण दोहराते हुए, मिलों को लोन देने से मना कर दिया है। अगला चीनी सीझन शुरू होने का समय आ गया है, लेकिन फिर भी कई सारी चीनी मिलों ने गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नही किया है। हालाकि, नाबार्ड ने राज्य के सभी बैंकों को चीनी मिलों को 31 मई से पहले लोन देने के निर्देश दिए है।
२ मई तक राज्य की 122 मिलों को 3238 करोड़ रूपये कर्ज मुहैय्या कराना था, लेकिन बैंकों द्वारा केवल 72 मिलों को 2280 करोड़ लोन दिया गया। इसी कारण कई मिलें किसानों का बकाया भुगतान करने में नाकाम रही है। अधिशेष चीनी, दरों में गिरावट और ठप हो चुकी निर्यात इन सभी कारकों से मिलें मुश्किल दौर से गुजर रही है। कई मिलों के सामने तो ‘शॉर्ट मार्जिन’ की समस्या पैदा हो गई है, इसलिए जिला बैंक और राज्य बैंक ने मिलों को लोन देने से साफ़ मना किया है।