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कोल्हापुर: चीनी मंडी
17 वीं लोकसभा में स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के मुखिया और भूतपूर्व सांसद राजू शेट्टी की हार से अब पश्चिमी महाराष्ट्र के किसान की आवाज संसद में अब जोर शोर से नहीं गूंजेगी। शेट्टी शिवसेना-भाजपा के उम्मीदवार धैर्यशील माने से 97,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गये। शेट्टी ने करीबन दो साल पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) से बाहर होकर कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में शामिल हो हुए थे। सितंबर 2017 में एनडीए छोड़ने के बाद दो बार के सांसद एनडीए के कट्टर आलोचक में से एक बन गए हैं।
शेट्टी की हार में योगदान देने वाले कारकों में वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के उम्मीदवार असलम सैय्यद की उम्मीदवारी प्रमुख कारक मानी जा रही है। सैय्यद को 1.18 लाख से अधिक वोट मिले, जिनमें से अधिकांश को शेट्टी को मिल सकते थे, राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है की, ‘वीबीए’ को दक्षिण-पश्चिम महाराष्ट्र के इस ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए था, क्योंकि इसका सीधा फायदा भाजपा-शिवसेना गठबंधन को हुआ। शेट्टी, जिनकी राजनीतिक यात्रा जिला परिषद से शुरू होकर संसद तक चली, लेकिन लोकसभा में वो लगातार तीसरी जीत से चुंक गये। शेट्टी को चुनाव में 4,72,912 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी माने को 5,68,004 वोट मिले। शेट्टी ने पिछले एक दशक से गन्ना उपज के लिए उच्च समर्थन मूल्य की मांग के लिए कई आंदोलन किए। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि, यूपीए में शामिल होने के बाद शेट्टी पश्चिमी महाराष्ट्र से अपने वोटबैंक को कांग्रेस-एनसीपी को वापस नहीं दिला सके, जिसके खिलाफ शेट्टी एक दशक से अधिक समय से लड़ रहे हैं।