सरकार के एथेनॉल उत्पादन आदेश पर औरंगाबाद बेंच का स्टे

छत्रपति संभाजीनगर / पुणे : बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने गन्ने के रस और चीनी सिरप से एथेनॉल के उत्पादन पर रोक लगाने वाले केंद्र सरकार के 7 दिसंबर, 2023 के आदेश पर स्टे लगा दी है। इस साल बारिश की कमी के कारण दो प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक में सीजन शुरू होने से पहले ही उत्पादन में कमी की भविष्यवाणी की गई थी। घरेलू बाजार में चीनी की कमी से बचने के लिए सरकार ने निर्यात प्रतिबंध के साथ-साथ गन्ने के रस और चीनी सिरप से एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया।

केंद्र सरकार के 7 दिसंबर, 2023 के आदेश को अशोक सहकारी साखर मिल द्वारा एक रिट याचिका (संख्या 1988/24) के माध्यम से चुनौती दी गई थी। इस पर न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति आर। एम। जोशी की दो जजों की बेंच ने 20 फरवरी 2024 को आदेश जारी कर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर स्टे लगाते हुए केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय, चीनी निदेशक आदि को नोटिस जारी कर 6 मार्च 2024 तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है। रिट याचिका में यह दावा करते हुए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि केंद्र द्वारा 7 दिसंबर, 2024 (7/12) को जारी एथेनॉल आदेश अवैध और असंवैधानिक है। अब अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि, उनके द्वारा स्थापित डिस्टिलरी केवल और विशेष रूप से एथेनॉल का उत्पादन करती है। केंद्र सरकार ने इस डिस्टिलरी को केवल इसी उद्देश्य के लिए लाइसेंस दिया है और गन्ने के रस को कच्चे माल के रूप में लाइसेंस में निर्दिष्ट किया गया है और डिस्टिलरी को केवल इसी उद्देश्य के लिए स्थापित किया गया है। यह डिस्टिलरी चीनी का उत्पादन नहीं करती है। याचिकाकर्ताओं की ओर से इस संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति प्रस्तुत की गई। इसमें कहा गया, ”प्रतिवादी नंबर 2 (केंद्र सरकार) द्वारा जारी आदेश के अनुसार केवल गन्ने के रस का उपयोग केवल चीनी के उत्पादन के लिए किया जाना चाहिए, न कि एथेनॉल के निर्माण के लिए। दरअसल संबंधित डिस्टिलरी को केवल एथेनॉल उत्पादन की अनुमति है। ऐसे सरकारी आदेश से ऐसी भट्टियों को भारी नुकसान होने का खतरा है।

इस आदेश पर विचार करते हुए, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को एथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति दी, जबकि यह देखते हुए कि केंद्र के संबंधित आदेश पर अगले निर्देश जारी होने तक रोक लगाई जा रही है; लेकिन साथ ही यह भी आदेश दिया गया है कि एथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले गन्ने और बी हैवी मोलासेस का पूरा हिसाब-किताब रखा जाए और अगली सुनवाई में जमा किया जाए। साथ ही न्यायालय ने कहा है की, केंद्र सरकार को 6 तारीख तक वक्तव्य प्रस्तुत कर उपरोक्त सभी आपत्तियों का समाधान करना चाहिए; अन्यथा संबंधित याचिका को न्यायालय के समक्ष लाए बिना ही निस्तारित कर दिया जाएगा। चीनी उद्योग की नजरे अब अगली सुनवाई पर टिकी है।

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