सरकार भंडारण के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करके चौबीसों घंटे उपलब्ध रहने योग्य नवीकरणीय ऊर्जा के लिए मसौदा योजना पर काम कर रही

इकनोमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सरकार भंडारण के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करके चौबीसों घंटे उपलब्ध रहने योग्य नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक मसौदा योजना पर काम कर रही है। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा की राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत योजना अंतर के अनुबंध (सीएफडी) या व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के रूप में वित्तीय सहायता की पेशकश हो सकती है। योजना के तहत शुरुआती 100 मेगावाट क्षमता के पायलट प्रोजेक्ट पर विचार किया जा सकता है।

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा की, “चर्चा चल रही है।” व्यक्ति ने कहा, सरकार वित्तीय सहायता के विकल्पों पर विचार कर रही है, जो राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM)) से भी हो सकती है। यह चौबीसों घंटे बिजली उत्पन्न करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के बंडलिंग में पहला कदम होगा। ग्रीन हाइड्रोजन का तात्पर्य नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके उत्पादित गैस से है।

NGHM को जनवरी 2023 में ₹19,744 करोड़ के प्रारंभिक परिव्यय के साथ लॉन्च किया गया था, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांज़िशन (SIGHT) कार्यक्रम के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के लिए ₹17,490 करोड़ और पायलट परियोजनाओं के लिए ₹1,466 करोड़ शामिल थे।

 

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