पणजी : गन्ना किसानों ने सरकार द्वारा नियुक्त किसान सुविधा समिति (Farmers Facilitation Committee) से इस्तीफा दे दिया है। राजेंद्र देसाई ने कहा, हम किसानों ने मिल फिर से शुरू करने की मांग पूरी नहीं करने के कारण गोवा सरकार द्वारा नियुक्त किसान सुविधा समिति से अपना नाम वापस ले लिया है। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि, अगर सरकार संजीवनी चीनी मिल को बंद करने के बदले में गन्ना किसानों को मुआवजे के लिए निर्धारित समय सीमा के रूप में उनकी मांग पर विचार करने में विफल रहती है, तो वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे।
Goemkarponn में प्रकाशित खबर के मुताबिक, देसाई ने सरकार पर उनकी मांगों को नजरअंदाज करने और किसानों को हल्के में लेने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया की, यह बेहद पूर्वाग्रहपूर्ण है कि संजीवनी चीनी मिल के बंद होने के पांच साल के भीतर एथेनॉल प्लांट की स्थापना का आश्वासन देने के बावजूद, सरकार एथेनॉल प्लांट की स्थापना की दिशा में एक इंच भी आगे बढ़ने में विफल रही है। अन्य किसानों ने भी कड़ी आलोचना करते हुए इसे किसान विरोधी सरकार बताया। किसानों ने चेतावनी दी है कि, गन्ने की खेती में कमी से गोवा में डेयरी फार्मिंग, ग्रामीणों के रोजगार के साथ-साथ अन्य संबद्ध गतिविधियां बाधित होंगी।