केंद्र सरकार ने कोऑपरेटिव चीनी मिलों का 619 करोड़ का ब्याज माफ किया

नई दिल्ली : सहकारी चीनी मिलों के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। देश भर में 33 सहकारी चीनी मिलों के 1,378 करोड़ रुपये के बकाया ऋण के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई है। वहीं, 619 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ब्याज को पूरी तरह माफ करने का फैसला किया गया है।

नेशनल कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन ने इस संबंध में लगातार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संपर्क किया था। नेशनल कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने बताया कि, इससे चीनी मिलों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि, ब्याज माफी में महाराष्ट्र की 20 फैक्ट्रियों का बकाया कर्ज 861 करोड़ रुपये है। नेशनल को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष का पद संभालते ही हर्षवर्धन पाटिल ने देश में सहकारी चीनी उद्योग के लिए अच्छी खबर दी है।

राज्य और केंद्र सरकार से प्राप्त ऋण का समय पर भुगतान न करने के कारण मिलों को ब्याज और अतिरिक्त ब्याज के रूप में कुल 1,378 करोड़ रुपये का भुगतान करने की उम्मीद थी। कुल बकाया कर्ज में मूल राशि 566.83 करोड़ रुपये, उस पर बकाया ब्याज 191.79 करोड़ रुपये और अतिरिक्त ब्याज 619.43 करोड़ रुपये है। कुल बकाया ऋण में से, महाराष्ट्र के मिलों का हिस्सा 861.23 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश में 202.48 करोड़ रुपये, तमिलनाडु में 113.15 करोड़ रुपये, कर्नाटक में 103.20 करोड़ रुपये, गुजरात में 39.37 करोड़ रुपये और शेष आंध्र प्रदेश, ओडिशा सहित और अन्य राज्य से है।

केंद्र सरकार द्वारा 28 फरवरी को लिए गए निर्णय के अनुसार, अतिदेय ऋणों पर अतिरिक्त ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया गया है, और सात वर्षों में अतिदेय मूलधन और उस पर ब्याज की राशि का पुनर्गठन किया गया है। पहले दो वर्षों तक कोई किस्त नहीं देनी होगी, लेकिन तीसरे वर्ष से पुनर्भुगतान शुरू हो जाएगा।सरकार ने चीनी विकास निधि से बकाया ऋणों के लिए एकमुश्त पुनर्भुगतान योजना भी शुरू की है। इसके तहत इस लोन को छह महीने के भीतर चुकाने की छूट दी गई है।

‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए नेशनल कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि, केंद्र सरकार ने किसानों के व्यापक हित और देश में चीनी उद्योग के विकास को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। यह फैसला आर्थिक रूप से संकटग्रस्त सहकारी चीनी उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है। इतना ही नहीं, यह निर्णय मिलों को सरकार के अन्य सभी प्रोत्साहनों और योजनाओं में भाग लेने के लिए भी पात्र बना देगा। पाटिल ने यह भी कहा कि, नेशनल कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन के माध्यम से चीनी विकास निधि में नई राशि जमा करने के लिए जीएसटी से पहले की तरह कुछ राशि एकत्र करने और एकमुश्त पुनर्भुगतान योजना को और अधिक लचीला बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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