चंडीगढ़: चालू वित्त वर्ष के लिए छह निजी चीनी मिलों और नौ सहकारी मिलों पर गन्ना किसानों का क्रमश: 465 करोड़ रुपये और 200.53 करोड़ रुपये बकाया है। इतना ही नहीं, दो निजी मिलों पर वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 का 34 करोड़ रुपये बकाया है। यह जानकारी बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न पर साझा की गई।
सदन में पेश की गई जानकारी में बताया गया कि, सहकारी चीनी मिलों पर पिछले वित्तीय वर्ष का कोई बकाया नहीं है। चालू वित्तीय वर्ष में कुल पेराई किये गये गन्ने का 340.42 करोड़ रुपये भुगतान किया जा चुका है जबकि 200.53 करोड़ रुपये बकाया है।
आगे बताया गया कि, पंजाब द्वारा किसानों को सबसे अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा उचित लाभकारी मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था, जबकि राज्य सरकार ने राज्य परामर्शित मूल्य 391 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जिसमें 76 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर था।
राज्य सरकार ने सहकारी मिलों द्वारा गन्ना भुगतान जारी करने के लिए 2023-24 के बजट में 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इसमें से 169.34 करोड़ रुपये की स्वीकृति वित्त विभाग द्वारा जारी कर दी गई थी और शेष 80.66 करोड़ रुपये जारी करने का नोट भी विभाग को भेज दिया गया था।