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अहमदाबाद: चीनी मंडी
वडोदरा की एक चीनी मिल ने चीनी बिक्री कोटा के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और चीनी को बेचने की अनुमति मांगी है जिससे की गन्ना किसानों को बकाया भुगतान कर सके। याचिकाकर्ता संघ के वकील बी. एस. पटेल ने कहा की, वड़ोदरा जिला सहकारी गन्ना उत्पादक संघ लिमिटेड द्वारा दायर याचिका के जवाब में, उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार और चीनी के निदेशक को नोटिस जारी किया। सोमवार को, केंद्र के वकील अदालत में पेश हुए, लेकिन इस मुद्दे पर सुनवाई 6 जून को स्थगित कर दी गई।
पटेल ने कहा कि, चीनी मिलों के लिए बिक्री पर कोटा तय करने की केंद्र की नीति के परिणामस्वरूप गन्ना किसानों पर वित्तीय संकट आ गया है। मिल किसानों को उनकी उपज का भुगतान समय पर नहीं कर सकती, क्योंकि मिल अपने मुताबिक चीनी स्टॉक नही बेच पाती हैं। यदि मिल को मनमुताबिक चीनी बेचने की अनुमति मिलती है, तो वह पैसा कमा सकता है और उन किसानों को भुगतान कर सकता है जो अपने भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
चीनी बिक्री के लिए कोटा नीति चीनी मिल को वित्तीय नुकसान पहुंचा रही है। इसने चीनी स्टॉक पर क्रेडिट ले लिया है, लेकिन बिक्री पर प्रतिबंध के कारण बैंकों को भुगतान में भी देरी हो रही है और ऋण पर ब्याज बढ़ रहा है। केंद्र सरकार जून 2018 से मिलों के लिए चीनी कोटा तय कर रही है। सरकार ने देश में अधिशेष चीनी उत्पादन का प्रबंधन करने के लिए चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2018 भी लागू किया है।