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पुणे : चीनी मंडी
किसान और श्रमिकों का हित ध्यान में रखकर जलगांव जिला केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा पूर्व-मौसमी अल्पकालिक ऋण के लिए मधुकर सहकारी चीनी मिल को 7 करोड़ रुपये की ‘गारंटी’ देने का फैसला किया।
मधुकर सहकारी चीनी मिल चीनी की अल्प मात्रा के कारण ‘शोर्ट मार्जिन’ में है। इस मिल को जिला बैंक द्वारा ऋण नहीं दिया जा सकता है। चूंकि मिल के क्षेत्र में गन्ना की फसल बड़ी मात्र में है, इसलिए किसानों और श्रमिकों के लिए इस मिल को किसी भी हालात में शुरू करना आवश्यक है। इसलिए, इस वर्ष, मिल की पेराई क्षमता को ध्यान में रखकर सरकार ने 7 करोड़ रुपये के पूर्व-मौसमी अल्पावधि ऋण के लिए ‘गारंटी’ देने का अहम फैसला लिया है।
सूखे की स्थिति, चीनी में भारी गिरावट और राज्य में पिछले पांच से छह वर्षों में चीनी मिलों की खराब वित्तीय स्थिति की पृष्ठभूमि में, हजारो गन्ना किसान, श्रमिकों के हित को ध्यान में रखकर मिलों को सरकार द्वारा राहत देने की कोशिश की जा रही है।