कोल्हापुर : इस साल के पेराई सीजन में कोल्हापुर डिवीजन ने रिकवरी के मामले में अन्य डिवीजनों को पीछे छोड़ दिया है।कोल्हापुर संभाग की फैक्ट्रियों में राज्य में सबसे अधिक 11.5 प्रतिशत औसत चीनी रिकवरी प्राप्त हुई है। इसलिए, कोल्हापुर डिवीजन के किसानों को रिकवरी के आधार पर बेहतर कीमत पाने का मौका है।
प्रदेश में पेराई सीजन इस समय अपने अंतिम चरण में है। सांगली जिले में चीनी मिलों का पेराई सीजन खत्म हो गया है।कोल्हापुर जिले में कुछ मिलों में अब भी पेराई शुरू है। इस साल गन्ना कटाई सीजन के दौरान राज्य में चीनी की औसत रिकवरी 0.20 फीसदी बढ़कर 10.17 फीसदी हो गई है। पिछले साल मार्च के अंत तक यही रिकवरी 9.97 फीसदी थी।बढ़े हुए औसत रिकवरी में कोल्हापुर संभाग का बड़ा योगदान है।
चूँकि गन्ने की न्यूनतम आधार दर चीनी की रिकवरी के अनुसार निर्धारित की जाती है।जादा रिकवरी देने वाली चीनी मिलों के क्षेत्र के किसानों को रिकवरी के आधार पर जादा गन्ना मूल्य मिलने की संभावना है।औसत चीनी रिकवरी मामले में नांदेड़ डिवीजन कोल्हापुर डिवीजन के बाद दूसरे और पुणे डिवीजन तीसरे स्थान पर है। नागपुर संभाग की फैक्ट्रियों में राज्य में सबसे कम 5.81 प्रतिशत चीनी रिकवरी दर्ज हुई है। राज्य में चीनी मिलों के कुल आठ मंडल हैं और सभी मंडलों में 207 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई सीजन में हिस्सा लिया था। ज्यादातर मिलों का पेराई सीजन खत्म हो गया है।