नई दिल्ली : वाणिज्य विभाग ने विभिन्न देशों में सामना होने वाली व्यापार बाधाओं और गैर-टैरिफ उपायों पर निर्यात निकायों से इनपुट मांगा है ताकि आम चुनावों के बाद सत्ता संभालने वाली नई सरकार को प्रस्तुत की जाने वाली 100-दिवसीय कार्य योजना में ऐसी बाधाओं से निपटने के तरीकों को शामिल किया जा सके। नई सरकार के दौरान निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, व्यापर से संबंधित ई-प्लेटफ़ॉर्म भी लॉन्च किया जा सकता है। ई-प्लेटफ़ॉर्म निर्यातकों और आयातकों के लिए मौजूदा पोर्टलों से जुड़ने के लिए वन-स्टॉप-शॉप के रूप में कार्य करेगा।
द हिन्दू बिजनसलाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म’ (Trade Connect e-Platform), निर्यात के लिए उत्पादों की पहचान, गैर-टैरिफ बाधाओं, वस्तुओं की अद्यतन टैरिफ अनुसूची, लागू सीमा शुल्क और भारत के FTA के तहत लाभों पर नए और इच्छुक निर्यातकों को जानकारी प्रदान करना चाहता है। मामले पर नज़र रखने वाले एक सूत्र ने ‘द हिन्दू बिजनसलाइन’ को बताया कि, 100-दिवसीय कार्य योजना के हिस्से के रूप में लॉन्च किया जायेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्र ने कहा, 2030 के लिए 2 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए 100-दिवसीय कार्य योजना में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय शामिल होंगे। ‘ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म’ का लॉन्च भी इसी दिशा में एक कदम है। गैर टैरिफ बाधाओं को संबोधित करना भी योजना का हिस्सा होने की संभावना है क्योंकि वे उन बाजारों में निर्यात वृद्धि में बाधा डालते हैं जहां टैरिफ पहले से ही कम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में एक कैबिनेट बैठक में मंत्रियों से नई सरकार के पहले 100 दिनों के लिए और सरकार के अगले पांच वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार करने को कहा है।
अधिकांश निर्यात निकाय पहले ही विभिन्न देशों में अपने विशेष क्षेत्रों के लिए गैर-टैरिफ उपायों और अन्य व्यापार बाधाओं पर वाणिज्य विभाग को अपने इनपुट दे चुके हैं। अब इनपुट एकत्र किए जा रहे है। 100-दिवसीय कार्य योजना में यूके और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर मुहर लगाने के वाणिज्य विभाग के इरादे को भी शामिल करने की संभावना है।