कोल्हापुर: १९ मई २०१८ : केंद्र सरकार सामान्य ग्राहकों को कम दाम, और कोल्डड्रिंक, चोकलेट, मिठाई आदि व्यावसायिक इस्तेमाल हेतु उपयोग में आनेवाली चीनी यानी शक्कर के दाम में बढ़ोत्तरी करने का प्रयास कर रही है. इस परिपेक्ष में देश का सामान्य ग्राहक और व्यावसायिक हेतु उद्योग केलिए इस्तेमाल होनेवाले चीनी कि समग्र जानकारी
इकठ्ठा कि जा रही है. प्रस्तुत समय में सामान्य ग्राहक और चीनी का इस्तेमाल कर विभिन्न खाद्य पदार्थ, कोल्डड्रिंक्स आदि व्यावसायिक उत्पाद करनेवाले उद्यमियों को भी एक ही दाम में चीनी मुहैया कि जात है. इस तरह कम दाम में चीनी खरीद कर कोल्डड्रिंक्स, आइसक्रीम, दवाइयां, बिस्कुट, बेकारी पदार्थ और मिठाईयां बनाने में यह सस्ती चीनी इस्तेमाल कि जाती
है. देश में उत्पादित ७० प्रतिशत चीनी व्यावसाईक हेतु इस्तेमाल कि जाती है, तो सिर्फ ३० प्रतिशत चीनी घरेलु इस्तेमाल केलिय उपयोग में लायी जाती है.
सस्ते दाम पर चीनी खरीदने के बावजूद इसका इस्तेमाल कर बनाए जानेवाले खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छु रहे हैं. यह खाद्य पदार्थ महंगी होने के कारण सामान्य और गरीब लोगों की पहोंच से बाहर है. इस वजह से घरेलु इस्तेमाल के अलावा अन्य व्यावसायिक हेतु उपयोग में आनेवाली चीनी अधिक दाम में बेचने कि मांग देश के विभिन्न संघटन कर रहे थे. यह ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकारने सकारात्मक पहल कि है. एक किलो ग्राम चीनी का इस्तेमाल कर कौन से खाद्य पदार्थ से कितना मुनाफा होता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक हेतु इस्तेमाल होनेवाले चीनी कि किमत तय कि जायेगी. इस पहल से किसान, सामान्य ग्राहक और चीनी मिलों को भी लाभ होगा ऐसा सूत्रों का कहना है. प्रसुत ३० से ३३ रूपया प्रति किलो दाम से चीनी खुले बाजार में बेचीं जाती है.
–पाशा पटेल,
कृषि आयोग के अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य।