पुणे : राज्य के कृषि विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि, बारिश और जल संसाधनों की कमी के कारण पुणे ग्रामीण, सोलापुर और अहमदनगर जिलों को कवर करने वाले पुणे डिवीजन में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल 3.43 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.02 लाख हेक्टेयर यानी 40,000 हेक्टेयर से अधिक कम हो गया है। ये आंकड़े इस साल अक्टूबर 2023 से फरवरी तक के थे। पुणे जिले में औसतन 1.17 लाख हेक्टेयर की तुलना में 99,207 हेक्टेयर पर गन्ने की खेती थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, सोलापुर जिले में 1.31 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.13 लाख हेक्टेयर पर खेती दर्ज की गई और अहमदनगर जिले में औसत 94,693 हेक्टेयर से कम 90,044 हेक्टेयर पर गन्ना लगाया गया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि, इससे 2024-25 में चीनी उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही पानी की कमी के कारण अप्रैल और मई में नई बुआई नही हो पाएगी।
राज्य चीनी आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा की, उक्त जिलों में गन्ने की बुआई अक्टूबर और फरवरी के बीच होती है। अनुकूल मौसम की स्थिति और पर्याप्त जल आपूर्ति के कारण इस अवधि में अंकुरण दर अधिक होती है। चूँकि इस वर्ष अक्टूबर 2023 से फरवरी के बीच खेती कम हुई, इसका मतलब है कि आने वाले पेराई सत्र में उत्पादन निश्चित रूप से गंभीर रूप से प्रभावित होगा। अधिकारी ने कहा, मौजूदा अंतर बना रहेगा क्योंकि पानी की कमी के कारण अगले दो महीनों में खेती की संभावना कम है।मानसून की खेती केवल जुलाई और अगस्त में होगी और परंपरागत रूप से पुणे डिवीजन में ज्यादा नहीं होती है।