यमुनानगर, हरियाणा: पिछले साल जुलाई में यमुनानगर में आई बाढ़ ने किसानों और देश की सबसे बड़ी चीनी मिलों में से एक सरस्वती शुगर मिल्स (SSM) पर भारी बोझ डाला। गन्ने की कम उपलब्धता के कारण मिल प्रबंधन ने पिछले पेराई सत्र से लगभग एक महीने पहले 5 अप्रैल को अपना पेराई कार्य बंद कर दिया। चालू पेराई सत्र के दौरान गन्ने की उपज पिछले साल की प्रति एकड़ उपज की तुलना में 15-20 प्रतिशत कम बताई गई है, जिससे किसानों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, SSM ने इस पेराई सीजन के दौरान 1,46.63 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है, जबकि पिछले साल यह 1,66.36 लाख क्विंटल थी।ट्रिब्यून इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, दावा किया जा रहा है की, कम पैदावार के कारण गन्ना उत्पादकों को लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
चालू पेराई सत्र में मिल प्रबंधन ने गन्ना उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए काफी पहले 31 अक्टूबर को मिल में पेराई कार्य शुरू कर दिया था। हालाँकि, जुलाई 2023 के दौरान भारी बारिश और बाढ़ ने गन्ने की उपज और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, जिससे किसानों के साथ-साथ चीनी मिल को भी भारी नुकसान हुआ।किसान नेता सतपाल कौशिक ने कहा कि, पिछले साल औसत उपज लगभग 300 क्विंटल प्रति एकड़ थी। हालाँकि, इस वर्ष, 2023 की बाढ़ के प्रतिकूल प्रभाव, फसल में बीमारी और अन्य कारणों से उपज 250 क्विंटल प्रति एकड़ से कम थी।