अमरोहा, उत्तर प्रदेश: जिले में गन्ने की फसल में टॉप बोरर और रेडरॉट का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे गन्ने की फसल को नुकसान हो सकता है। आखों के सामने फसल पर खतरे को देख किसान काफी चिंतित है। किसानों को डर है की, यदि कीट की रोकथाम नहीं की गई तो गन्ने के उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना विभाग व चीनी मिलें इस किट की रोकथाम के लिए एक्शन मोड़ पर काम कर रही है। उनके द्वारा रोग, कीट के नियंत्रण के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। गन्ना विभाग द्वारा गठित टीम खेतों में जाकर गन्ने की फसल का निरीक्षण करेंगी। जिले में बहुत बड़े क्षेत्रफल पर गन्ने की खेती की जा रही है। कृषि व गन्ना विभाग ने टॉप बोरर और रेड रॉट कीट से बचाव के लिए किसानों को आवश्यक जानकारी दी है।
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि टॉप बोरर कीट एक सुंडी कीड़ा है, जो गन्ने के पौधे की पत्ती के माध्यम से तने में प्रवेश करता है। इस कीट का जीवन चक्र एक साल में 5 से 6 बार हो सकता है। बताया कि गन्ने के ऊपरी भाग की कोमल पत्तियों को लपेट कर यह कीड़ा अंदर छेद बनाकर तने में घुस जाता है और उस स्थान से ऊपर से नीचे की ओर सुरंग बनाने का काम करता है। टॉप बोरर के प्रकोप से गन्ने के ऊपरी हिस्से में छोटे-छोटे कल्ले निकल जाते हैं। जिनमें गन्ना नहीं बनता और गन्ने का विकास रुक जाता है। गन्ने के विकास रुक जाने से फसल के उत्पादन में स्वतः ही कमी आ जाती है।
अमरोहा के डीसीओ मनोज कुमार ने कहा की, गन्ने की फसल में टॉप बोरर व रेड रॉट से बचाव को किसानों को जागरूक किया जा रहा है। एडवाइजरी जारी कर दी गई है। रोग व कीट की रोकथाम व नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग द्वारा गठित टीम खेतों का निरीक्षण कर रही हैं। रोग व कीट की रोकथाम के लिए किसानों को दवाएं बताई जा रही हैं।