हम ‘किसान कर्ज माफी आयोग’ बनाएंगे, जितनी बार जरूरत होगी किसानों के कर्ज माफ करेंगे: राहुल गांधी

लुधियाना : लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक बड़ा वादा करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे ‘किसान कर्ज माफी आयोग’ लाएंगे और किसानों के कर्ज ‘जितनी बार जरूरत होगी’ माफ करेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि, यह पहला चुनाव है जो संविधान को ‘बचाने’ के लिए लड़ा जा रहा है।

लुधियाना में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, इतिहास में पहली बार यह चुनाव संविधान को बचाने के लिए है।यह पहली बार है जब किसी पार्टी ने खुले तौर पर कहा है कि वे संविधान को बदल देंगे और इसे फाड़ देंगे। यह सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि गरीबों की आवाज है।उन्होंने आरोप लगाया कि, भाजपा केवल अरबपतियों के लिए काम करती है और देश में 22-25 लोगों का शासन चाहती है।

उन्होंने तीन कृषि कानूनों को लेकर भी सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना की और कहा कि इसने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं दी।राहुल गाँधी ने कहा, भाजपा 22-25 लोगों का शासन चाहती है। सभी हवाई अड्डे, बंदरगाह, सौर ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, रक्षा उद्योग अडानी जैसे लोगों को दे दिए गए। पीएम मोदी ने 22-25 लोगों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए है। किसानों ने एमएसपी की मांग की, पीएम मोदी ने खुले तौर पर कहा कि वह एमएसपी नहीं देंगे।

कांग्रेस नेता ने यह भी वादा किया कि, पार्टी एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और ‘किसान-हितैषी’ फसल बीमा नीति लाएगी।राहुल गांधी ने कहा, जैसे ही गठबंधन की सरकार बनेगी, हम पंजाब और पूरे भारत के किसानों का कर्ज माफ करेंगे। हम सिर्फ एक बार किसानों का कर्ज माफ नहीं करेंगे, बल्कि इसके लिए एक आयोग बनाएंगे और इसे ‘किसान कर्ज माफी आयोग’ कहेंगे…जितनी बार किसानों को कर्ज माफी की जरूरत होगी, आयोग सरकार को इसके बारे में बताएगा।उन्होंने कहा, दूसरा, हम किसानों को कानूनी एमएसपी की गारंटी देंगे। तीसरा, पीएम मोदी फसल बीमा पॉलिसी लेकर आए, लेकिन इसका लाभ सिर्फ 16 कंपनियों को मिला, हम इस योजना को बदलेंगे और किसान हितैषी योजना लाएंगे। आपको (किसानों को) 30 दिनों के भीतर मुआवजा मिलेगा।पंजाब की 13 सीटों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक ही चरण में 1 जून को मतदान हो रहा है।मतगणना 4 जून को होगी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस 13 में से आठ सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा और शिरोमणि अकाली दल ने दो-दो सीटें जीती थीं, जबकि आम आदमी पार्टी केवल संगरूर की एकमात्र सीट जीत सकी थी।

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